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करणी सेना के बाद अब ये संगठन भी आया फिल्म 'पद्मावती' के विरोध में

फिल्म पद्मावती के विरोध में राजस्थान का एक और संगठन आ गया है. इसने भी ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ को स्वीकार न करने की बात कही है.

पद्मावती पद्मावती
महेन्द्र गुप्ता
  • नई दिल्ली,
  • 06 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:51 PM IST

फिल्म पद्मावती की रिलीज को लेकर निर्देशक संजय लीला भंसाली की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं. करणी सेना और राजनीतिक दलों के बाद अब एक और संगठन ने पद्मावती की रिलीज का विरोध किया है.

सर्व ब्रह्मण महासभा ने पद्मावती पर आपत्त‍ि जताई है. राजस्थान में इस संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने कहा है कि वे किसी भी कीमत पर ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ स्वीकार नहीं करेंगे. जन सामान्य की भावनाओं को देखते हुए इस फिल्म की स्क्रीनिंग को रोका जाना चाहिए, अन्यथा उनका संगठन इसका विरोध करेगा. भंसाली द्वारा तथ्यों से छेड़छाड़ कर पद्मावती की छवि खराब की जा रही है. कोई भी इसे बरदाश्त नहीं करेगा.

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अन्य धर्म पर फिल्म बनाने की हिम्मत नहीं:गिरिराज सिंह

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पद्मावती के मामले में कहा कि संजय लीला भंसाली और किसी भी अन्य फिल्मकार में हिम्मत नहीं कि वह किसी और धर्म पर अधारित फिल्म बनाए या कोई टिप्पणी करें. वे हिंदू धर्मगुरुओं, भगवान और योद्धाओं पर आधारित फिल्में ही बनाते हैं. अब हम इसे बर्दाशत नहीं कर सकते.

They make films on Hindu gurus, gods & warriors. We won't tolerate this anymore: Union Minister Giriraj Singh on #Padmavati pic.twitter.com/aqIB2oz5QG

— ANI (@ANI) November 5, 2017

पद्मावती पर रोक लगाने से चुनाव आयोग का इनकार, BJP ने की थी मांग

केंद्रीय मंत्री उमा भारती भी फिल्म का विरोध कर चुकी हैं. उन्होंने टि्वटर पर लिखा था, 'रानी पद्मावती के विषय पर मैं तटस्थ नहीं रह सकती' मेरा निवेदन है कि पद्मावती को राजपूत समाज से न जोड़कर भारतीय नारी की अस्मिता से जोड़ा जाए. क्यों न रिलीज़ से पहले इतिहासकार, फ़िल्मकार और आपत्ति करने वाले समुदाय के प्रतिनिधि और सेंसर बोर्ड मिलकर कमिटी बनाएं और इस पर फैसला करें. मैं अपनी बात पर अडिग हूं, भारतीय नारी के सम्मान से खिलवाड़ नहीं. भूत, वर्तमान और भविष्य -कभी भी नहीं. कुछ बातें राजनीति से परे होती हैं, हर चीज़ को वोट के चश्मे से नहीं देख सकती. मैं तो आज की भारतीय महिला हूं. जिस स्थिति में होंगी, भूत वर्तमान और भविष्य के स्त्रियों के सम्मान की चिंता ज़रूर करूंगी'.

 

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