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व्यंग्य: जेटली का undelivered message, 'शर्म औरत का नहीं, कांग्रेस का गहना है'

अरुण जेटली जी कहते हैं कि हम काला धन धारकों के नाम बतावेंगे तो कांग्रेस बेचारी शरमा जावेगी. हाय जनता मारी जावै, इस लाड पर. भाई इसे कहते हैं हिप हॉप. अरुण जेटली साहब आपने तो एकदम फुल करन-अर्जुन वाली फीलिंग दिला दी.

Arun Jaitly Arun Jaitly
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 अक्टूबर 2014,
  • अपडेटेड 3:03 PM IST

अरुण जेटली जी कहते हैं कि हम काला धन धारकों के नाम बतावेंगे तो कांग्रेस बेचारी शरमा जावेगी . हाय जनता मारी जावै, इस लाड पर. भाई इसे कहते हैं हिप हॉप. अरुण जेटली साहब आपने तो एकदम फुल करन-अर्जुन वाली फीलिंग दिला दी. हाय, कित्ता प्रेम है दोनों पार्टियों में. यूं भी पैसा तो हाथ का मैल होता है. बस भाईचारा बना रहे. काला धन न हो गया, मनचला लड़का हो गया. जिसके दिल्लगी करने पर लड़की शर्मा जाती है, परेशान हो जाती है.

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शर्म औरत का गहना होती है. जरूर किसी खुजाऊ महापुरुष ने इस अधपकी बात का दावा किया होगा. पर तमाम पुराने हो चुके कानूनों को खत्म करने का संकल्प लेते हुए नई सरकार ने शर्म का भी तबादला कर दिया है. अब से शर्म का मालिकाना हक कांग्रेस के पास है. सरकार के खजाने की चाभी संभाल रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शर्म से चूते हुए ताज को कांग्रेस के सुपुर्द कर दिया है. अब मुंह काले और शर्म का कनेक्शन तो था ही. बस उसी में एक कैटेगरी जोड़ते हुए कालेधन का शर्म से गठबंधन हो गया है.

जेटली साहब, कुर्सी पर हाथ रखकर बताइए. 'शर्मा गई मैं हाय-हाय' गाना बहुत सुना है न आपने. तभी तो इतनी फिक्र सता रही है आपको उस जालिम कांग्रेस की. जिससे आपकी ही सरकार ने हमें छुटकारा दिलाया है. तो फिर आज अचानक इतना प्रेम कहां से उमड़ गया आपको. कहीं महाराष्ट्र, हरियाणा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद आपका दिल तो नहीं पसीज गया. आप इतना लोगों की शर्म की परवाह कब से करने लगे. जब आप कोर्ट रूम में वकालत करते हैं. तब तो आप अपने पेशे के मुताबिक, सिर्फ अपने क्लाइंट के मनमुताबिक सही को सही और गलत को गलत कहते होंगे. लेकिन आज जब कालेधन में कांग्रेसी लिपटे मिले हैं. तो अपनी प्यारी जनता के साथ नाम बताकर इंसाफ क्यों नहीं कर रहे हैं. हमसे कोई दुश्मनी है या फिर अबकी बार, दूसरी यूपीए सरकार वाला हिसाब-किताब हो गया है.

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जेटली जी, हमारी तरफ जब किसी को किसी से इश्क हो जाता है. तो वो भी एक दूसरे की परवाह करने लगते हैं. अब आप बस भाई पर यकीन कर ये बताइए कि कांग्रेस में किस पर आपका दिल आया है. खैर किसी पर भी आया हो. हमें क्या. बस ये सुब्रमण्यम स्वामी से बचकर रहिएगा. बहुत खखोरू मालूम पड़ते हैं स्वामी जी. आपकी सेटिंग बिगाड़ सकते हैं. अब लौटते हैं कालेधन पर. क्या लौटे अब आपके इश्क का मामला है तो छोड़िए. जनता को सस्ता हुआ तेज लेने भेज देते हैं. ओह आइडिया. आप एक काम करिए. अगले बजट में ये बता दीजिएगा कि कांग्रेस किस किस चीज में शर्मा सकती है. और उन बातों को मोदी जी को भी बता दीजिएगा. हमारे लाडले युवा नेता राहुल गांधी की वो आए दिन उतारते रहते हैं. बच्चे का दिल टूट जाता है.

जेटली जी आपने जिस तरह से भारतीय सभ्यता का सम्मान करते हुए शर्म, लिहाज की शॉल से कांग्रेस को बचाया है. सच कह रहा हूं. आज मनमोहन सिंह जहां भी होंगे. मन ही मन शेर पढ़ रहे होंगे, 'हमें तो अपनों ने लिख-लिख के लूटा, गैरों में कहां दम था, जेटली ने वहां साथ दिया जहां सबसे बड़ा काला बम था.'

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