
'इंसान का इंसान से हो भाईचारा..हो भाईचारा.' इस गाने में कुछ तो खोट है. 2013 में अरविंद ने जब ये गाना गाया था, तो 49 दिन बाद इस्तीफा देना पड़ा और इस बार 42वें दिन में पार्टी लगभग बॉक्सिंग रिंग में कूद ही पड़ी है. डियर केजरीवाल जी, ये गाना मत गाया कीजिए, नजर लग जाती है, आपकी छवि की 'मामा चॉकलेट बम' हो जाती है.
आशुतोष ने एक बयान में कहा कि केजरीवाल हर चीज में नहीं बोलते हैं. मुख्यमंत्री हैं, जो बोलते हैं, तोलकर बोलते हैं. ये सुनते ही मैं सोच रहा हूं कि क####@ बोलने में उन्हें कितने किलो के बाट लगे होंगे. किस्मत का भी अजीब फेर देखिए, कुछ न कुछ केजरीवाल के साथ खराब बना रहता है. पहले गला खराब और अब छवि खराब. योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर कई बार तरस आता है. हो न हो, इन दोनों का कोई करीबी है, जो नवरात्रों में प्याज-लहसुन खा रहा था. लग गया पाप. हो गई टें...
आज मचे बवाल के बाद अगर कोई सबसे ज्यादा खुश हैं तो वो हैं दिल्ली
विधानसभा चुनाव के वक्त 'आप' के विरोधी. आज उन सब के चेहरे पर वैसा ही भाव है जैसा
गलत लड़के से शादी करने पर दूर का रिश्तेदार लड़की के घर जाकर कहते हैं, 'हमने तो पहले
ही कहा था कि लड़का शराब पीता है, लेकिन मेरी सुनता ही कौन है.'
राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में AAP के सदस्य रमजान चौधरी को पीटने की खबरों से 'दक्षिणपंथी' कहे जाने वाले संगठन ने भी केजरीवाल को समर्थन देने की बात मन में सोच ली है. लेकिन भक्त तो भक्त होते हैं. सब के सब कह रहे हैं केजरीवाल ने स्टिंग ऑपरेशन में लात मारने वाला वादा पूरा किया है. इसे गलत नजरिए से देखा जा रहा है.
आज के पूरी घटना के बाद कुछ शब्द याद आ गए. एक होता है जलना. एक होता है कटना. एक होता है छरछराना. इन सबके बाद होता है सबसे खतरनाक कल्लाना. केजरीवाल आज राजनीति के गलियारों में कल्ला रहे हैं.