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CBI विवाद: अहम किरदार सतीश साना लापता, जांच एजेंसियां अनजान

सतीश साना ही वह शख्स है जिसने सीबीआई विवाद को हवा दी है. इसने ही आलोक वर्मा और अस्थाना को रिश्वत देने का आरोप लगाया है. अब जब मामला तूल पकड़ चुका है, तब वह गायब बताया जा रहा है.

सीबीआई का मुख्यालय (आजतक आर्काइव) सीबीआई का मुख्यालय (आजतक आर्काइव)
रविकांत सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 8:29 AM IST

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) में मचे भूचाल के पीछे जिन दो शख्स-मोईन कुरैशी और सतीश साना का नाम है, उनमें एक सतीश साना लापता बताया जा रहा है. सतीश साना ही वह व्यक्ति है जिसने कुरैशी से जुड़ा अपना केस रफादफा कराने के लिए राकेश अस्थाना को 3 करोड़ रुपए रिश्वत देने का आरोप लगाया है. साना का नाम सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को रिश्वत देने के आरोप में सामने आया है.

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इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, तीन दिन पहले सीबीआई का मामला जैसे ही सामने आया, सतीश साना अपने घरवालों के साथ कहीं फरार हो गया. हैदराबाद में गचीबावली स्थित हिल रिज विला-72 में फिलहाल उसके परिवार को कोई पता ठिकाना नहीं है.  आलोक वर्मा ने अस्थाना पर 3 करोड़ रिश्वतखोरी का जो मामला दर्ज कराया है, वह सतीश साना की ओर से दी गई रिश्वत के आधार पर है. अस्थाना ने भी वर्मा पर सतीश साना से 2 करोड़ रुपए घूस लेने का आरोप मढ़ा है.

इन विवादों के बीच एक तरफ वर्मा और अस्थाना छुट्टी पर भेज दिए गए हैं, तो दूसरी ओर सतीश साना कहां है, इसकी किसी को जानकारी नहीं है. साना अपने परिजनों के साथ कहां गया है, इसकी सूचना किसी जांच एजेंसी को नहीं है. मीडिया से जुड़े सूत्रों का कहना है कि साना इस मामले में मीडिया से बात नहीं करना चाहता, इसलिए कहीं गुमनामी में खो गया है. पूर्व में उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी हो चुका है, जिससे वह बचने की फिराक में है.

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अस्थाना के खिलाफ केस सतीश साना से जुड़े एक मामले में दर्ज किया गया है. साना से रिश्वत की मांग की गई थी. एफआईआर में जिन अन्य लोगों के नाम हैं, वे हैं-डीएसपी रैंक के सीबीआई अधिकारी देवेंद्र कुमार, बिचौलिया मनोज प्रसाद, उसका भाई सोमेश प्रसाद और अन्य सरकारी कर्मचारी.

एफआईआर के मुताबिक, मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद सतीश साना से दुबई में मिले और उसका मामला रफा-दफा कराने का आश्वासन दिलाया. साना दुबई का कारोबारी है. सीबीआई उसके खिलाफ मीट कारोबारी से संबंध को लेकर जांच कर रही है. कुरैशी साल 2014 के बाद से भ्रष्टाचार के केस में कई एजेंसियों के निशाने पर है.

सतीश ने आरोप में कहा है कि सोमेश ने एक अधिकारी को फोन किया, जिसने 5 करोड़ रुपए लेकर मामला निपटाने की बात हुई. 3 करोड़ रुपए एडवांस और 2 करोड़ रुपए काम होने के बाद देने की डील पक्की हुई. सोमेश ने सतीश से कहा कि जिस अधिकारी से बात हुई वह राकेश अस्थाना है. सोमेश ने अपनी बात पुष्ट करने के लिए अस्थाना के व्हाट्सअप की डिसप्ले पिक्चर (डीपी) भी दिखलाई.

सतीश साना ने सीबीआई को दिए अपनी शिकायत में कहा, 'उन लोगों (बिचौलिए) पर भरोसा करते हुए और मानसिक पीड़ा से छुटकारा पाने के लिए मैंने 1 करोड़ रुपए का बंदोबस्त किया और मनोज प्रसाद को दुबई में दिए. इसके बाद प्रसाद के कहे पर मैंने सुनील मित्तल नाम के शख्स को 1.95 करोड़ रुपये दिए. 13 दिसंबर 2017 को यह पेमेंट दिल्ली स्थित प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के अहाते में मेरे आदमी पुनीत की ओर से की गई.'

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सतीश ने सीबीआई में अपनी शिकायत इसलिए दर्ज कराई है क्योंकि एजेंसी ने सीआरपीसी की धारा 160 के तहत उसके खिलाफ 2.95 करोड़ रुपए घूस देने का नोटिस सुपुर्द किया है. साना ने नोटिस के बारे में मनोज प्रसाद को जानकारी दी. तब मनोज प्रसाद ने नोटिस के पचड़े से बचने के लिए 2 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी. साना ने यह भी आरोप लगाया है कि राकेश अस्थाना ने कई वर्षों में दुबई और लंदन में भारी भरकम पैसा लगाया है.

सतीश के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी हो चुका है इसलिए उसे हैदराबाद एयरपोर्ट पर विदेश भागने से पहले रोक लिया गया. साना 1 अक्टूबर को दिल्ली में सीबीआई के समक्ष पूछताछ के लिए हाजिर हुआ था. साना के मुताबिक, 'मैंने सारा वाकया मनोज को बताया, तो उसने कहा कि सारी परेशानी इसलिए है क्योंकि उसने 2 करोड़ रुपये जमा नहीं कराए हैं. हालांकि मैंने जल्द यह राशि जमा कराने की बात कही. मनोज ने यह भी कहा कि उसकी सीबीआई के संबंधित अधिकारी से बात हो गई है और वे अब प्रताड़ित नहीं करेंगे. 9 अक्टूबर तक 2 करोड़ रुपये चुकाए जाने की बात हुई. मैंने खराब सेहत का हवाला देते हुए सीबीआई के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया.'    

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सीबीआई का कहना है कि 2 करोड़ रुपये की ताजा घूस सतीश ने खुद को 25 अक्टूबर तक बचाए रखने के लिए दिए. 10 अक्टूबर को 25 लाख रुपये चुकाए गए और बाकी के पैसे 16 अक्टूबर तक चुकाने की बात हुई. सीबीआई ने 16 अक्टूबर को बिचौलिए मनोज प्रसाद को गिरफ्तार किया, जब वह बाकी के पौने दो करोड़ रुपए लेने भारत आया.

इन आरोपों के आधार पर राकेश अस्थाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई. जिसके खिलाफ अस्थाना ने भी सीवीसी में शिकायत दर्ज कराई है और एजेंसी के निदेशक आलोक वर्मा पर भ्रष्टाचार के 10 मामले गिनाए हैं. इनमें एक केस सतीश साना से जुड़ा है. अस्थाना ने अपनी शिकायत में कहा है कि सतीश साना ने 24 अगस्त को आलोक वर्मा को 2 करोड़ रुपये घूस दी. हालांकि सीबीआई ने वर्मा पर लगे आरोपों को 'गलत और बेबुनियाद' बताया है.

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