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Satyameva Jayate Review: मसाला फिल्म में जॉन-मनोज का उम्दा काम

सत्यमेव जयते से पहले जॉन अब्राहम की फिल्म परमाणु इस साल बॉक्स ऑफिस पर काफी कामयाब हुई थी. समीक्षकों ने जॉन के काम की सरहना की थी. अब स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आई सत्यमेव जयते से प्रशंसकों को काफी उम्मीदें हैं.

सत्यमेव जयते फिल्म का पोस्टर सत्यमेव जयते फिल्म का पोस्टर
ऋचा मिश्रा/आरजे आलोक
  • मुंबई/नई दिल्ली,
  • 15 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 8:20 AM IST

फिल्म का नाम : सत्यमेव जयते

डायरेक्टर: मिलाप मिलन झवेरी

स्टार कास्ट: मनोज बाजपेयी, जॉन अब्राहम, आयशा शर्मा, मनीष चौधरी, अमृता खानविलकर

अवधि: 2 घंटा 21 मिनट

सर्टिफिकेट: A

रेटिंग:  3.5 स्टार

डायरेक्टर मिलाप मिलन झवेरी अपनी लिखावट के लिए जाने जाते हैं. एक जमाने की मशहूर फिल्म 'कांटे' के राइटर भी मिलाप जावेरी ही हैं और कुछ समय पहले उन्होंने निर्देशक के तौर पर 'मस्तीजादे' फिल्म बनाई थी जो कि बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिरी. अब मिलाप ने टिपिकल बॉलीवुड मसाला फिल्म के हिसाब से सत्यमेव जयते  बनाई है. आइए पढ़ें फिल्म का रिव्यू...

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कहानी :

फिल्म की कहानी मुंबई से शुरू होती है जहां वीर राठौर (जॉन अब्राहम) अपनी धुन में भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिस अफसरों को सबक सिखाता हुआ दिखता है. पुलिस महकमे में अफरा-तफरी है. जब इसकी भनक पुलिस अफसर शिवांश राठौर (मनोज बाजपेयी) को पड़ती है तो वह इन घटनाओं के पीछे की गुत्थी सुलझाने में लग जाता है. इसी बीच कहानी में शिखा (आयशा शर्मा) की एंट्री होती है और बहुत सारे ट्विस्ट और टर्न्स भी आते हैं. साथ ही साथ कई राज भी पर्दाफाश होते हैं. अंततः क्या होता है यह जानने के लिए फिल्म देखनी पड़ेगी.

क्यों देख सकते हैं फिल्म :

फिल्म की कहानी सामान्य है. संवादों को काफी दमदार तरीके से लिखा गया है जिसकी वजह से कहानी सुनाते वक्त सिलसिलेवार घटनाएं देखना दिलचस्प हो जाता है. फिल्म का एक्शन जबरदस्त है और इस तरह से ट्रेलर में एक्शन और संवादों को दर्शाया गया है उसी तरह का फ्लेवर फिल्म में भी देखने को मिलता है. जॉन अब्राहम और मनोज बाजपेयी के बीच चोर-सिपाही वाली कहानी बड़े अच्छे तरीके से जंचती है. फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर बढ़िया है और भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए प्रयोग में लाए गए स्टाइल को अच्छे तरीके से दर्शाया गया है. मनोज बाजपेयी एक बार फिर से दमदार एक्टिंग करते नजर आते हैं. वहीं एक्शन के लिए मशहूर जॉन अब्राहम पूरी तरह से किरदार में डूबे नजर आते हैं. मनीष चौधरी और आयशा शर्मा का काम भी सहज है.

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कमज़ोर कड़ियां:

फिल्म की कमजोर कड़ी, इसकी शुरुआत और खासतौर पर क्लाइमेक्स का हिस्सा है जिसे काफी लंबा दिखाया गया है. उसे छोटा किया जा सकता था. आयशा शर्मा का किरदार अपनी बनावट में न्यायसंगत  नहीं हो पाता है. फिल्म में और भी सस्पेंस बनाया जा सकता था. मल्टीप्लेक्स की ऑडियंस को शायद यह फिल्म ज्यादा आकर्षित ना करें, लेकिन सिंगल थिएटर में सीटियां और तालियां जरूर सुनाई देंगी. फिल्म को एडल्ट सर्टिफिकेट दिया गया है जिसकी वजह से शायद हर तरह की ऑडियंस इसे ना देख पाए.

बॉक्स ऑफिस :

फिल्म का बजट करीब 50 करोड़ रुपये बताया जा रहा है. इसके साथ अक्षय कुमार की फिल्म 'गोल्ड' भी रिलीज हुई है. हालांकि स्वतंत्रता दिवस का बड़ा वीकेंड है जिसकी वजह से दर्शकों को अपने मनपसंद की फिल्म चुनने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी. देखना दिलचस्प होगा कि गोल्ड के सामने जॉन-मनोज की फिल्म कितनी कमाई करती है.

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