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मुजफ्फरपुर रेप कांडः राज्यपाल की चिठ्ठी से उठे कई सवाल

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक की चिठ्ठी पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि बिहार के अन्य लोगों की तरह उन्होंने भी चिंता व्यक्त की है. इसके अलावा उस पत्र में और कुछ नहीं है.

 बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक और नीतीश कुमार बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक और नीतीश कुमार
सुजीत झा/वरुण शैलेश
  • पटना,
  • 06 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 9:51 PM IST

बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मुजफ्फरपुर कांड पर चिंता प्रकट करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश को चिट्ठी लिखी थी. सवाल उठ रहा है कि राज्यपाल को इस मुद्दे पर चिठ्ठी लिखने का क्या औचित्य है, जबकि इस मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है.

वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यपाल की चिठ्ठी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि बिहार के अन्य लोगों की तरह उन्होंने भी चिंता व्यक्त की है. बता दें कि बिहार के राज्यपाल ने अपने पत्र नीतीश कुमार को कुशल प्रशासक कहा है, लेकिन मुजफ्फरपुर की घटना को हृदय विदारक और मानवता के लिए कलंक बताया है.

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एक अगस्त को लिखे पत्र में राज्यपाल ने राज्य सरकार द्वारा सीबीआई जांच की अनुशंसा की सराहना भी की और साथ ही टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के प्रतिवेदन पर समुचित कार्रवाई का सुझाव दिया है. राज्यपाल ने बाल-बालिका और महिलाओं के उत्पीड़न के मामले में फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन का सुझाव दिया है. साथ ही इस मामले में बुद्धिजीवियों से राय लेने का सुझाव दिया है.

हांलाकि माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री तक पत्र लिखना ठीक था, लेकिन केंद्रीय मंत्री और मुख्य न्यायधीश को पत्र लिखने के औचित्य को लेकर किसी के पास कोई जवाब नहीं है.

दूसरी तरफ बीजेपी के सांसद सीपी ठाकुर और गोपाल नारायण सिंह भी इस मुद्दे पर समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. ऐसे में ये माना जा रहा है कि बीजेपी की तरफ से कही इस मुद्दे को लेकर कहीं नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश तो नहीं हो रही है. क्योंकि इसी महीने लोकसभा चुनाव के लिए सीटों के तालमेल को लेकर बातचीत होने वाली है. हालांकि नीतीश कुमार के साथ उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय महामंत्री सुशील कुमार मोदी भी खड़े दिखाई दिए.

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कोर्ट के आदेश से अस्पताल था ब्रजेश ठाकुर

पत्रकारों के एक सवाल पर सोमवार को बिहार के डीजीपी के एस दिवेदी ने कहा कि पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को रिमांड पर लेने की कोशिश की थी. इसके लिए कोर्ट में अपील की गई थी, लेकिन कोर्ट ने जेल में ही उससे पूछताछ की इजाजत दी. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार करने के बाद आरोपी न्यायिक हिरासत में चला जाता है. अस्पताल भी हम नहीं भेजते. यह भी न्यायिक प्रक्रिया है.

समाज कल्याण के निदेशक को हटाने की सिफारिश

समाज कल्याण विभाग के निदेशक राजकुमार को हटाने की सिफारिश की गई है. समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल प्रसाद ने इस संबंध में समान्य प्रशासन को पत्र लिखा है. हालांकि पत्र में इसका कारण उनके पास अधिक विभाग का होना बताया गया है जबकि मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में निदेशक राजकुमार की लापरवाही जग जाहिर है. राजकुमार के पास अभी सामाजिक सुरक्षा, महिला सशक्तीकरण और समाज कल्याण निदेशालय के निदेशक का पद हैं.

सुशील मोदी ने तेजस्वी पर साधा निशाना

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल(राजद) के नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधा है. मोदी ने ट्वीट किया, मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में सीबीआई ने तेजी से जांच शुरू की. राज्य सरकार ने लापरवाही के दोषी पाए गए 14 अधिकारियों को निलंबित कर सख्त संदेश दिया है. जिस लालू परिवार में नैतिकता के आधार पर पद छोड़ने का कोई रिकॉर्ड नहीं, उसके वारिस आज किस मुंह से किसी का इस्तीफा मांग रहे हैं?

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