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डेंगू-चिकनगुनिया: नड्डा ने की अहम बैठक, केंद्र के अस्पतालों में भी बढ़ेंगे बेड

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने शुक्रवार को चिकनगुनिया और डेंगू को लेकर एक समीक्षा बैठक की.

जेपी नड्डा जेपी नड्डा
अशोक सिंघल/कपिल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 16 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 5:48 PM IST

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन ने शुक्रवार को चिकनगुनिया और डेंगू को लेकर एक समीक्षा बैठक की. बैठक में नड्डा ने इन बिमारियों से दिल्ली में होने वाली मौतों को लेकर दिल्ली सरकार से एक विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है. बैठक में चिकनगुनिया और डेंगू के बढ़ते मरीजों के बारे में चिंता व्यक्त किया गया और सभी ने मिलकर काम करने की बात की.

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नड्डा का कहना है कि हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश को हरसंभव सहायता करेंगे ताकि चिकनगुनिया और डेंगू से निपटा जा सके. नड्डा ने हरियाणा और उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्रियों से बात करके उनको भी पूरा आश्वासन दिया कि जो भी केंद्र सरकार चिकनगुनिया और डेंगू से निपटने में राज्यों का सहयोग कर सकता है वह पूरा सहयोग करेगा. जेपी नड्डा ने कहा कि जो केंद्र सरकार के अधीन अस्पताल आते हैं उसमें हालांकि प्राप्त मात्रा में बिस्तर उपलब्ध हैं. लेकिन उसके बावजूद भी जरूरत के मुताबिक बिस्तर की संख्या बढ़ाने की पूरी कोशिश की जाएगी.

उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी मरीज इन अस्पतालों में बिना इलाज किए वापस नहीं भेजा जा रहा है. अस्पतालोँ में रोगियों के उपचार के लिए डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ, दवाओं, परीक्षण किट और प्रयोगशालाओं की कोई कमी नहीं हैं. उन्होंने यह भी बताया कि मरीजों की बढ़ती हुई संख्या के उचित इलाज के लिए केन्द्र सरकार के अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बुखार क्लीनिक कार्य कर रहे हैं.

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दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा से मिलने स्वास्थ्य मंत्रालय पहुंचे. ये मुलाकात करीब आधे घंटे चली लेकिन इस बैठक का अच्छा पहलू ये रहा कि अब डेंगू और चिकनगुनिया के इलाज के लिए दिल्ली और केंद्र सरकार के अस्पताल बेहतर तालमेल के साथ काम करेंगे. दोनों मंत्रियों के बीच मुलाकात में ये तय हुआ है कि केंद्र सरकार अपने अस्पतालों में करीब एक हजार अतिरिक्त बेड मुहैया कराएगी. ये बेड केंद्र के एम्स, आरएमएल और सफदरजंग अस्पताल में मुहैया कराए जाएंगे. साथ ही एनसीआर के राज्यों में फीवर क्लीनिक खोले जाएंगे. इन फीवर क्लीनिक का प्रचार किया जाएगा, ताकि आसपास के राज्यों से आने वाले मरीजों का दिल्ली के अस्पतालों पर दबाव कम हो सके.

एम्स के मुताबिक 80 फीसदी मरीज दिल्ली से बाहर के पहुंच रहे हैं. इसके साथ ही ये भी तय किया गया है कि अस्पताल में जो भी इलाज के लिए पहुंचेगा, किसी को मना नहीं किया जाएगा. डॉक्टर मरीज की हालत को देखते हुए उन्हें दाखिला देने के बारे में फैसला लेंगे. इसके लिए अस्पतालों में समुचित इंतजाम किए जाएंगे. सत्येंद्र जैन ने मीटिंग में इस बात को भी जोर देकर कहा कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में डेंगू और चिकनगुनिया के मरीजों के लिए पर्याप्त संख्या में बिस्तर उपलब्ध हैं, अभी भी दिल्ली के अस्पतालों में करीब डे़ढ हज़ार बेड खाली हैं.

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