
जज लोया की संदिग्ध हालत में हुई मौत की जांच की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई करेगा. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की बेंच सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि ये बेहद गंभीर मामला है. इसमें सभी दस्तावेजों को हमें देखना होगा. इस मामले में सभी तरह एक दस्तावेज जैसे RTI आदि को एक जगह कर के कोर्ट को दिया जाए.
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि एक जज की मौत हुई है और उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. न्यूज पेपर में कई बार मौत लेकर सवाल खड़े किए गए हैं, ऐसे में न्यूज पेपर में जो छपा है हम इस पर नहीं जायेंगे बल्कि दस्तावेज क्या कहते है इस पर जाएंगे.
शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट वक़ील ऋषि मल्होत्रा की याचिका पर भी सुनवाई करेगा. ऋषि मल्होत्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा है कि महिलाओं को भी पुरुषों की तरह रेप और यौन उत्पीड़न जैसे मामलों में दंडित किया जाए, पुरूष भी रेप के पीड़ित हो सकते हैं.
याचिका में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का हवाला दिया गया है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने रेप से जुड़े कानून पर फिर से विचार करने की सहमति जताई है. याचिका में कहा गया है कि अगर कोई पुरुष किसी महिला के खिलाफ रेप या यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज कराता है तो महिला के खिलाफ कोई करवाई नहीं होती क्योंकि 158 साल पुराने IPC के मुताबिक केवल पुरुष ही ऐसे अपराध करते हैं.
एक और अहम याचिका बोफर्स तोप केस में दलाली के आरोपों की फिर से जांच को लेकर है. बोफोर्स तोप सौदा मामले में सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा नेता अजय अग्रवाल से पूछा है कि किस हैसियत से उन्होंने बोफोर्स तोप सौदा मामले को निरस्त करने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है? साथ ही अदालत ने पूछा था कि आखिरकार इस मामले में उन्हें क्यों सुना जाना चाहिए? सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से भी यह सवाल किया कि आखिर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा आरोपी को आरोपमुक्त करने के 12 वर्ष बीत जाने के बाद भी एजेंसी ने अपील क्यों नहीं दायर की? 31 मई, 2005 को दिल्ली हाईकोर्ट ने तीन हिन्दुजा भाइयों और बोफोर्स कंपनी को आरोपमुक्त कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट में एक और अहम मुकदमा जलीकट्टू परंपरा को लेकर है. कोर्ट ये तय करेगा कि क्या जलीकट्टू और बैल गाड़ी रेस संविधान द्वारा दिये गए मौलिक अधिकार अनुछेद 29 (1) के तहत प्रथम दृष्ट्या आते है या नहीं. अगर ऐसा है तो कोर्ट इस मामले को संवैधानिक बेंच के समक्ष भेजेगा. फिर संवैधानिक बेंच ये तय करेगी कि क्या जलीकट्टू और बैल गाड़ी रेस राज्य की संस्कृति का हिस्सा है या नहीं.