
सुप्रीम कोर्ट से सहारा प्रमुख सुब्रत राय को सरेंडर करने के लिए एक हफ्ते का समय मिला है. इस बीच पैरोल के लिए उनकी याचिका पर बुधवार को सुनवाई होगी. सुब्रत राय को वापस जेल जाना होगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने राय की पैरोल बढ़ाने से इनकार कर दिया था. सुब्रत राय को मां के निधन पर पैरोल पर मई महीने में रिहा किया गया था.
सर्वोच्च न्यायालय ने बीते महीने सुब्रत राय की पैरोल की मियाद को 23 सितंबर तक बढ़ाया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पैरोल को इसलिए बढ़ाया जा रहा है ताकि राय सेबी के पास 300 करोड़ रुपये जमा करें. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने पैरोल की अवधि को फिर से बढ़ाने से इनकार कर दिया है.
राय को उनकी मां पर मानवीय आधार पर जेल से मई में पैरोल पर छोड़ा गया था. बाद में निवेशकों का उधार चुकाने के लिए पैसे की व्यवस्था करने को लेकर उनका पैरोल जारी रखा गया. चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने चैंबर में सुब्रत राय को दी गई राहत का समय और बढ़ाने का यह फैसला किया. पहले उनकी पैरोल की मियाद 16 सितंबर को खत्म हो रही थी. चीफ जस्टिस ठाकुर के अलावा न्यायाधीश एआर दवे और जस्टिस एके सिकरी की नियमित विशेष पीठ शुक्रवार को उपलब्ध नहीं थी. सहारा के वकील केशव मोहन ने कहा कि सेबी-सहारा खाते में 353 करोड़ रुपए का ड्राफ्ट जमा किया जा चुका है. इसके बाद पीठ ने 68 वर्षीय राय की पैरोल की अवधि 23 सितंबर तक के लिए बढ़ा दी थी.