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महिलाओं के लिए गर्भपात कराने की समय सीमा बढ़ाने की मांग लगातार जा रही है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने महिला आयोग, कानून और स्वास्थ्य मंत्रालय से जवाब मांगा है.
दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है, जिसमें ये मांग की गई है कि गर्भपात कराने के लिए समय सीमा बढ़ानी चाहिए. याचिका में मांग की गई है कि किसी गर्भवती महिला या उसके गर्भ में पल रहे शिशु के स्वास्थ्य को कोई खतरा होने की स्थिति में गर्भपात कराने की समय-सीमा 20 हफ्ते से बढ़ाकर 24 या 26 हफ्ते होनी चाहिए.
साथ ही याचिका में इस बात का भी अनुरोध किया गया है कि अविवाहित महिलाओं और विधवाओं को भी कानून के तहत वैधानिक गर्भपात की अनुमति मिलनी चाहिए. ये याचिका सामाजिक कार्यकर्ता और वकील अमित साहनी की ओर से दायर की गई है.
साथ ही इसमें स्वास्थ्य मंत्रालय एवं कानून मंत्रालय को निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है. 6 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट इस पर अगली सुनवाई करेगा.
बता दें कि मां या शिशु के स्वास्थ्य को किसी तरह का खतरा होने की स्थिति में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 के मुताबिक, गर्भपात कराने की समय-सीमा 20 हफ्ते है. 20 हफ्ते के अंदर-अंदर महिला गर्भपात करवा सकती है. जिसे अब बढ़ाकर 24 या 26 हफ्ते करने की मांग की जा रही है.