
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुब्रमण्यम स्वामी की तिरुपति मंदिर खजाने की ऑडिट कराने की मांग संबंधी याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. हालांकि शीर्ष कोर्ट ने कहा कि आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने अपनी याचिका में मांग की है कि तिरुपति मंदिर के पिछले तीन साल के अकाउंट, मंदिर की संपत्ति और आभूषणों की ऑडिट कराया जाए. स्वामी का कहना है कि जब तक याचिका लंबित है तब तक मंदिर का कैग द्वारा ऑडिट कराया जाए. उनकी मांग है कि मंदिर के ऑडिट का काम छह महीने में पूरा किया जाए.
बता दें कि तिरुपति बाला जी के मंदिर मंदिर के खजाने की ऑडिट कराने की मांग अक्सर उठती रहती है. एक अनुमान के मुताबिक मंदिर ट्रस्ट के खजाने में 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है. कुछ दिन पहले केंद्रीय सूचना आयुक्त यानी सीआईसी ने सवाल किया था कि विजयवाड़ा के 16वीं सदी के शासक कृष्णदेव राय की ओर से तिरूपति में भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर को दान में दिए गए आभूषण कहां हैं?
केंद्रीय सूचना आयुक्त ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई), संस्कृति मंत्रालय, आंध्र प्रदेश सरकार और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) से यह सवाल किया है. सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युलू ने एक कड़े आदेश में प्रधानमंत्री कार्यालय को यह भी सार्वजनिक करने को कहा कि केंद्र सरकार ने तिरुमला मंदिरों को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने तथा विश्व धरोहर संरचनाओं एवं आभूषणों की सुरक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय नियमों को लागू करने के लिए किन कदमों पर विचार किया है.