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जलीकट्टू पर जल्द आदेश देने की अर्जी को सुप्रीम कोर्ट ने ठुकराया

सुप्रीम कोर्ट ने दक्षिण भारत में पोंगल के अवसर पर सांड़ों के दौड़ से जुड़े खेल जलीकट्टू मामले पर जल्दी नया आदेश देने की अर्जी को ठुकरा दिया है. पोंगल त्योहार इस शनिवार को ही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शनिवार से पहले इस मामले में बेंच को आदेश देने के लिए कहना अनुचित है.

तमिलनाडु में परंपरा से जुड़ा है जलीकट्टू तमिलनाडु में परंपरा से जुड़ा है जलीकट्टू
दिनेश अग्रहरि
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  • 12 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 2:44 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने दक्षिण भारत में पोंगल के अवसर पर सांड़ों के दौड़ से जुड़े खेल जलीकट्टू मामले पर जल्दी नया आदेश देने की अर्जी को ठुकरा दिया है. पोंगल त्योहार इस शनिवार को ही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शनिवार से पहले इस मामले में बेंच को आदेश देने के लिए कहना अनुचित है.

चार लोग गिरफ्तार
इससे अब साफ हो गया है कि इस बार पोंगल पर जलीकट्टू का आयोजन नहीं हो सकेगा. इस बीच तमिलनाडु के कुडलकोर में जलीकट्टू का आयोजन कर रहे चार लोग गिरफ्तार कर लिए गए गए हैं. तमिलनाडु में यह मामला काफी गहराता जा रहा है, लोग जगह-जगह जलीकट्टू को जारी रखने को लेकर प्रदर्शन भी कर रहे हैं.

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जलीकट्टू मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के नोटिफिकेशन पर अपना फैसला सुरक्षित रखा हुआ है. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई थी कि जलीकट्टू को लेकर अदालत ने जो आदेश सुरक्षित कर रखा है, उस पर शनिवार से पहले आदेश सुना दिया जाए. कोर्ट ने कहा फैसले का ड्रॉफ्ट तैयार हो गया है लेकिन शनिवार से पहले आदेश सुनाना संभव नहीं है. जल्लीकट्टू यानी सांड़ों की दौड़ पर रोक के खिलाफ तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.

सुप्रीम कोर्ट ने साल 2014 के अपने एक आदेश में इस खेल पर प्रतिबंध लगा दिया था, क्योंकि इसमें पशुओं के प्रति क्रूरता का आरोप था. कोर्ट ने पहले ही केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन पर सवाल उठाया था, जिसमें जलीकट्टू जैसे आयोजनों में बैलों के इस्तेमाल की इजाजत दी गई थी.

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जानवरों के इस्तेमाल के बारे में उसके 2014 के आदेश को 'नकारा' नहीं जा सकता. केंद्र सरकार ने इसके जवाब में कहा था कि वह यह सुनिश्च‍ित कर सकता है कि इस आयोजन में सांड़ों को प्रताड़ित न किया जाए या उन्हें मदिरा न पिलाई जाए. कोर्ट ने कहा कि यदि सभी पक्ष कोर्ट को यह समझाने में सफल रहते हैं कि पहले का आदेश गलत था, तो इस मामले को लार्ज बेंच को सौंपा जा सकता है.

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