
सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई की सड़कों के गड्ढों में लोगों के गिरने और दिल्ली में सड़कों पर डूबती बसों पर सरकार को फिर से फटकार लगाई है. दिल्ली में सीलिंग के मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस मदन भीमराव लोकुर और जस्टिस दीपक गुप्ता की पीठ ने अटॉर्नी जनरल से मुखातिब होते हुए कहा कि सड़क पर निकल कर देखें तो पता चलेगा कि जनता किस कदर परेशान है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कुछ मिनटों की थोड़ी सी बारिश ने दिल्ली का नक्शा बदल दिया अगर तेज बारिश हुई तो राजधानी का क्या होगा ये कल्पना से परे है.
अवैध निर्माण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवैध निर्माण या अतिक्रमण पर 48 घंटों की मोहलत वाला नोटिस जारी हो. नोटिस जारी होते ही तुरंत काम बंद हो. आरोपी 48 घंटों के भीतर कारण बताओ नोटिस का जवाब दे. इससे ज्यादा वक्त न दिया जाए.
कोर्ट ने अपने आदेश में ये भी कहा कि अवैध निर्माण को लेकर गठित STF को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए. इतना ही नहीं दिल्ली में ऐतिहासिक इमारतों और स्मारकों के बाहर और भीतर हुए अतिक्रमण पर सीधी और सख्त कार्रवाई के लिए ASI यानी पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को भी STF में शामिल किया जाए.
सख्त रुख अपनाते हुए कोर्ट ने ये भी कहा कि सरकारअवैध निर्माण करने वाले बिल्डर, कॉन्ट्रैक्टर और आर्किटेक्ट को ब्लैक लिस्ट करने के लिए दो हफ्तों में गाइडलाइन बनाये. अवैध निर्माण और अतिक्रमण की शिकायतों को लेकर बनाए हुए मोबाइल ऐप का ज्यादा से ज्यादा प्रचार किया जाए.कोर्ट ने सख्त ताकीद की कि इस बात से सीलिंग की करवाई नही रुकनी चाहिए कि किसी एरिया में हालात अच्छे नही है, उन्हें सुरक्षा मुहैया करा कर सीलिंग को जारी रखा जाए. वहीं सुप्रीम कोर्ट में AG के के वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार ने ऐसा कोई निर्देश नहीं दिया है कि फिलहाल सीलिंग नहीं होगी.
कोर्ट के पिछले आदेश के मुताबिक डीडीए के उपाध्यक्ष भी पेश हुए. उन्होंने कहा कि 9 जुलाई को डीडीए ने अवैध निर्माण के लिए ऐप शुरू किया है. इसमें अभी तक 438 शिकायतें मिली हैं. जबकि अमाइक्स का कहना था कि मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रोज़ाना हज़ार से डेढ़ हजार तक शिकायत मिल रही हैं. कोर्ट ने इस पर भी जवाब मांगा.