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एससी/एसटी एट्रोसिटीज ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को लेकर राजनीतिक कवायद जारी है. एनडीए सरकार में शामिल लोक जनशक्ति पार्टी के नेता और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री रामविलास पासवान ने इंडिया टुडे को बताया कि सरकार में शामिल एससी/एसटी समुदाय से आने वाले सांसद कल इस मसले पर मुलाकात करेंगे. उन्होंने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से इस मसले को लेकर मिलने पत्र लिखा है और कल एनडीए के सांसद इस पर विचार-विमर्श करेंगे.
उन्होंने बताया कि एससी/एसटी एट्रोसिटीज ऐक्ट के अलावा इस बैठक में प्रमोशन में आरक्षण, इंडियन जुडिशियल सर्विस और निजी क्षेत्र में आरक्षण के मुद्दे पर कल बातचीत करेंगे. वहीं विश्वविद्यालयों में आरक्षण को लेकर यूजीसी की हालिया नीति जिसमें आरक्षण को डिपार्टमेंट/सेंटर/विषय को इकाई मानते हुए देने की बात कही गई है, उस मुद्दे को उठाने की बात रामविलास पासवान ने कही है.
दरअसल एट्रोसिटीज ऐक्ट को लेकर इन सांसदों के अलावा अन्य दलित-आदिवासी नेताओं और कार्यकर्ताओं का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के बाद यह ऐक्ट बेहद कमजोर और ‘दंतविहीन’ हो गया है. खासकर दलितों-आदिवासियों की नाराजगी को भांपते हुए सरकार में शामिल दलित-आदिवासी समुदाय के सांसद आशंकित हैं.
सरकार में शामिल रामविलास पासवान से लेकर खुद भाजपा नेता और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत तथा सांसद उदित राज भी इसको लेकर चिंता जता चुके हैं. उदित राज ने इंडिया टुडे को बताया कि उन्होंने इस मसले पर प्रधानमंत्री से भी मिलने का वक्त मांगा है. वहीं कल की एनडीए सांसदों की बैठक में थावर चंद गहलोत, रामविलास पासवान, उदित राज, रामचंद्र पासवान आदि नेता शामिल रहेंगे.
ध्यान रहे कि पासवान की लोजपा ने 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पेटिशन दाखिल किया.
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