
सुप्रीम कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति मामले में हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा दायर की गई याचिका को हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट से दिल्ली हाई कोर्ट ट्रांसफर कर दिया है.
जस्टिस एफएमआई कलीफुल्ला और जस्टिस यूयू ललित की बेंच ने कहा कि वह मामले के बारे में कोई राय नहीं व्यक्त कर रहे हैं, बल्कि न्याय के हित में और संस्थान (न्यायपालिका) को किसी शर्मिंदगी से बचाने के लिए इस याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट में ट्रांसफर कर रहे हैं. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने हाई कोर्ट के न्यायाधीश और मामले में सीबीआई के वकील पर किसी भी पक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों-प्रत्यारोपों को हटाने का निर्देश दिया.
सिब्बल ने बचाव में दिए तर्क
मुख्यमंत्री का पक्ष रखने के लिए पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस ट्रांसफर का विरोध करते हुए कहा कि इससे यह गलत संदेश जाएगा कि राज्य का हाई कोर्ट के इस मामले की सुनवाई के लायक नहीं है.
इन निवेदनों को खारिज करते हुए बेंच ने कहा कि वह मामले के किसी भी पहलू पर गौर नहीं करेगी और वह न्यायिक हितों को देखते हुए अपने असाधारण संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल करके इसे दिल्ली हाई कोर्ट के पास भेज रही है. इससे पहले शीर्ष अदालत ने वीरभद्र सिंह और अन्य सीबीआई की उन दो याचिकाओं पर प्रतिक्रिया मांगी थी, जिनमें सीबीआई ने सिंह और उनकी पत्नी को इस मामले में गिरफ्तारी से सुरक्षा और अन्य राहत दिए जाने का विरोध किया था.
हालांकि पीठ ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के एक अक्टूर वाले आदेश पर अंतरिम रोक नहीं लगाई थी, जिसमें सीबीआई को सिंह और उनकी पत्नी को आय से अधिक संपत्ति के मामले में गिरफ्तार करने से रोका गया था, लेकिन मामले की जांच आगे बढ़ाने की अनुमति दे दी थी. हाई कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह इस दंपति से पूछताछ करने से पहले अदालत को सूचित किया करे.
सीबीआई ने शीर्ष अदालत में एक स्थानांतरण याचिका और विशेष छुट्टी की याचिका लगाकर सिंह के खिलाफ चल रहे इस मामले को हिमाचल प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित करने का और राज्य के हाई कोर्ट द्वारा जारी किए गए आदेश को दरकिनार करने का अनुरोध किया था.