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घोटालों, एनपीए से हलकान सार्वजनिक बैंकों को 87 हजार करोड़ रुपये का घाटा

कुल 21 सार्वजनिक बैंकों में से सिर्फ दो इंडियन बैंक और विजय बैंक ही वित्त वर्ष 2017-18 में मुनाफा हुआ है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 11 जून 2018,
  • अपडेटेड 2:11 PM IST

वित्त वर्ष 2018 में देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 87,370 करोड़ रुपये का भारी घाटा हुआ है. घोटाले से प्रभावित पंजाब नेशनल बैंक को सबसे ज्यादा घाटा हुआ है. कुल 21 सार्वजनिक बैंकों में से सिर्फ दो इंडियन बैंक और विजया बैंक ही वित्त वर्ष 2017-18 में मुनाफा कमा सके हैं.

भारतीय बैंकिंग सेक्टर एनपीए, घोटालों और जालसाजी जैसे मर्ज से हलकान है. 2017-18 में इंडियन बैंक ने 1,259 करोड़ रुपये का सबसे ज्यादा मुनाफा कमाया है और विजया बैंक को 727 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है. इस तरह नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा करीब 13,600 करोड़ रुपये के घोटाले से प्रभावित पंजाब नेशनल बैंक को 2017-18 में 12,283 करोड़ रुपये का भारी घाटा हआ है.

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इसके बाद आईडीबीआई बैंक को 8,237.93 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. इसके पिछले वित्त वर्ष में भी इस बैंक को 5,158.14 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई को भी इस दौरान 6,547.45 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. हालांकि उसका घाटा पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले कम हुआ है. 2016-17 में एसबीआई को 10,484 करोड़ रुपये का घाटा हआ था.

8 लाख करोड़ से ज्यादा हुआ एनपीए

दिसंबर 2017 तक के आंकड़ों के मुताबिक भारतीय बैंकिंग सेक्टर का एनपीए बढ़कर 8.31 लाख करोड़ रुपये हो गया है. कमजोर वित्तीय आंकड़ों की वजह से ही सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों को रिजर्व बैंक के त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (PCA) ढांचे के तहत लाना पड़ा है. इसके तहत बैंकों द्वारा और लोन देने तथा विस्तार करने पर कई तरह के अंकुश लगाए जाते हैं.

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(businesstoday.in से साभार)

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