
क्या आपके साथ भी ऐसा होता है कि जहां पूरी दुनिया पार्टी-शार्टी में डूबी रहती है वहीं आप अकेलेपन का मजा ले रहे होते हैं. स्कूल और कॉलेज में सैकड़ों लोगों के साथ पढ़ने के बावजूद आपके आधे दर्जन दोस्त भी नहीं हैं, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है.
आप खराब न महसूस करें. इसमें गलती आपकी इंटेलिजेंस की है. दरअसल इसका मतलब है कि आपको ऐसे लोग कम मिलते हैं जिनके सोचने का लेवल आपके बराबर हो. अब इसी बात की पुष्टि करते हुए ब्रिटिश जनरल ऑफ साइकोलॉजी ने एक नई रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में उन्होंने कहा है कि बुद्धिमान लोगों के दोस्त भी चुनिंदा होते हैं.
यह रिपोर्ट कहती है कि अधिक बुद्धिमान लोग उस समय ज्यादा खुश रहते हैं जब वे किसी के साथ नहीं होते, और शायद यही वजह है कि उनके दोस्त भी सीमित होते हैं.
बुद्धिमान लोग अपने काम और कार्यशैली को लेकर संतुष्ट नहीं होते. वे हमेशा और बेहतर करने की ओर अग्रसर रहते हैं.
ये हुई न बात! अब ये बात कहीं आपको स्कूली दिनों में पता चल गई होती तो फिर क्या ही कहने होते...
दुनिया के बहुप्रतिष्ठित अखबार द वाशिंगटन पोस्ट में एक लेख के माध्यम से अपनी बात कहने वाले कैरोल ग्राहम कहते हैं कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं कि अधिक बुद्धिमत्ता वाले लोग सामाजिकता से दूर ही रहते हैं. ऐसा न करते हुए वे अपना कीमती समय बचाते हैं और किसी गूढ़ रहस्य या विधा पर काम कर रहे होते हैं. अब जब यह बात दुनिया के सफलतम स्कॉलर कह रहे हैं तो फिर सही ही कह रहे होंगे. ऐसे बुद्धिमान लोग तो रविवार को भी छुट्टी नहीं मनाते.
इस स्टडी में इस बात का भी जिक्र है कि हमारे पुरखों ने किस प्रकार साथ रहना शुरू किया. उस दौर में जीने के लिए साथ रहना जरूरी था. जिंदगी की शुरुआत और साथी की तलाश में लोग इधर-उधर भटकते रहते थे. ऐसे में जरूरी था कि वे साथ-साथ रहें. लेकिन आज के दौर में यदि कोई अकेला रहना चाहता है तो उसके पास इसके वाजिब कारण होंगे.
तो इसलिए आप परेशान न हों, यदि आप अकेले में रह कर अपना ब्लॉग लिखना चाहते हैं. कोई किताब पढ़ना चाहते हैं. तो आप खुद को और बेहतर बनाने के लिए प्रयास जारी रख सकते हैं. पूरी दुनिया बाद में आपकी सफलता पर झुक कर सलाम ठोकेगी.