
अब आपकी कार बीयर से झूमते हुए चलेगी. वैज्ञानिकों ने बीयर को टिकाऊ पेट्रोल में बदलने की दिशा में बड़ी कामयाबी हासिल की है. पूरी दुनिया में ईंधन के वैकल्पिक स्रोतों की खोज को लेकर बड़े पैमाने पर अनुसंधान हो रहे हैं और इसी बीच यह अच्छी खबर आई है कि वैज्ञानिकों ने बीयर के इस्तेमाल से नवीकरणीय ईंधन बनाने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति कर ली है.
ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्याल के अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक पेट्रोल के नवीकरणीय विकल्प के रूप में दुनियाभर में व्यापक तौर पर ‘बॉयो-एथनॉल’ का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि कम ऊर्जा घनत्व जैसे कारणों के चलते एथनॉल आदर्श तौर पर पेट्रोल का स्थान नहीं ले सकता. यह बहुत आसानी से जल में मिल जाता है और इससे इंजन को नुकसान पहुंच सकता है.
ब्यूटेनॉल ईंधन का बेहतर विकल्प है, लेकिन नवीकरणीय स्रोतों से इसका निर्माण मुश्किल है. ब्रिस्टल के स्कूल ऑफ केमिस्ट्री के वैज्ञानिक पिछले कई वर्षों से व्यापक रूप से उपस्थित एथनॉल को ब्यूटेनॉल में तब्दील करने की दिशा में काम कर रहे थे.
Chemists at the University of Bristol have made the first steps towards making sustainable petrol using beer as a key ingredient.Cheers! https://t.co/ohInyGkaUk pic.twitter.com/RgJllPLFAz
कैटेलिसिस साइंस एंड टेक्नोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध में वास ने कहा कि अगर हमारी तकनीक मादक पेय (खास तौर पर बीयर जो सर्वथा उपयुक्त मॉडल है) के साथ काम करती है, तो औद्योगिक तौर पर पेट्रोल के विकल्प के रूप में ब्यूटेनॉल बनाने की संभावना है. एथनॉल को ब्यूटेनॉल में परिवर्तित करने के लिए उत्प्रेरक का इस्तेमाल किया गया.
शोधकर्ता टीम ने मुख्य रूप से इस बात की खोज की कि इनके उत्प्रेरक बीयर (विशेष रूप से बीयर में मौजूद एथनॉल) ब्यूटेनॉल में बदल जाएं.