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हिमालय क्षेत्र में आ सकता है भूकंप के जबर्दस्त झटके

भारत जैसे देशों के लिए खतरे की घंटी बजाते हुए वैज्ञानिकों ने हिमालय क्षेत्र में आठ से ले कर 8 . 5 की तीव्रता तक के भूकंप के शक्तिशाली झटकों की चेतावनी दी है.

aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2012,
  • अपडेटेड 2:35 AM IST

भारत जैसे देशों के लिए खतरे की घंटी बजाते हुए वैज्ञानिकों ने हिमालय क्षेत्र में आठ से ले कर 8 . 5 की तीव्रता तक के भूकंप के शक्तिशाली झटकों की चेतावनी दी है.
वैज्ञानिकों ने ऐसे इलाकों के लिए खासकर चेताया है जहां अब तक भूकंप के शक्तिशाली झटके नहीं आए हैं. ‘नानयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय’ के नेतृत्व वाले एक अनुसंधान दल ने पाया है कि मध्य हिमालय क्षेत्रों में रिएक्टर पैमाने पर आठ से साढे आठ तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप आने का खतरा है.
शोधकर्ताओं ने एक बयान में कहा कि सतह टूटने संबंधी खोज का हिमालय पर्वतीय क्षेत्रों से जुड़े इलाकों पर गहरा असर है. प्रमुख वैज्ञानिक पॉल टैपोनियर ने कहा कि अतीत में इस तरह के खतरनाक भूकंपों का अस्तित्व का मतलब यह हुआ कि इतनी ही तीव्रता के भूकंप के झटके भविष्य में फिर से आ सकते हैं, खासकर उन इलाकों में जिनकी सतह भूकंप के झटके के कारण अभी टूटी नहीं है.
अध्ययन में पता चला कि वर्ष 1255 और 1934 में आए भूकंप के दो जबर्दस्त झटकों से हिमालय क्षेत्र में पृथ्वी की सतह टूट गई. यह वैज्ञानिकों के पिछले अध्ययनों के विपरीत है.
हिमालय क्षेत्र में जबर्दस्त भूकंप आना कोई नयी बात नहीं है. 1897, 1905, 1934 और 1950 में भी 7 . 8 और 8 . 9 तीव्रता के भूकंप आए थे. इन भूकंपों से काफी नुकसान हुआ. लेकिन उन्होंने पहले सोचा था कि पृथ्वी की सतह नहीं टूटी है. बहरहाल, वैज्ञानिक ने कहा कि उच्चस्तर की नई तस्वीरों और अन्य तकनीकों की मदद से उन्होंने पाया कि 1934 में आये भूकंप ने सतह को नुकसान पहुंचाया और 150 से अधिक किलोमीटर लंबे मैदानी भाग में दरार आ गई.
वैज्ञानिकों का मानना है कि क्षेत्र में अगली बार भूकंप के जबर्दस्त झटके आने में अभी समय है.

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