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CID शो देखने वालों को फॉरेंसिक साइंस की अहमियत का अंदाजा बखूबी होगा. अगर आप भी घटनाओं की तह तक जाने और साइंस पढ़ने में दिलचस्पी रखते हैं तो यकीन मानिए कि अच्छे वेतन वाला यह चुनौतीपूर्ण करियर आपके लिए ही है.
आधुनिक समय में साइंस के बिना कुछ भी संभव नहीं है. हर फील्ड में साइंस का उपयोग होने के कारण साइंस के ब्रांचेज लगातार बढ़ रहे हैं. साइंस की ही एक ब्रांच फॉरेंसिक साइंस का उपयोग तेजी से भारत जैसे देश में भी बढ़ा है. इसके प्रयोग को देखते हुए इस फील्ड में रोजगार की काफी संभावनाएं पैदा हुई हैं.
क्या है फॉरेंसिक साइंस?
फॉरेंसिक लैटिन शब्द से बना है, जिसका मतलब होता है कुछ भी फॉर्म होने से पहले. किसी भी साइंस का उपयोग कानून के उद्देश्य से किया जाए तो उसे फॉरेंसिक साइंस कहा जाता है. क्राइम के होने के पहले की चीजों को वैज्ञानिक तरीके से इकट्ठा करने और उसका विश्लेषण करने में इसकी मदद ली जाती है. खासतौर पर पूरी दुनिया में सिविल डिस्प्यूट्स, क्रिमिनल लॉ, पब्लिक हेल्थ और रेगुलेशन के मामलों को सुलझाने के लिए फॉरेंसिक साइंस का इस्तेमाल होता है.
कौन फॉरेंसिक साइंटिस्ट कहलाता है?
जिस जगह पर आपराधिक घटना घटी हो वहां से फिजिकल एविडेंस और अलग तरह के सबूत जुटाकर केस को सुलझाने वाले को फॉरेंसिक साइंटिस्ट कहा जाता है. इस सबूत में फिंगर प्रिंट्स, ब्लड सैंपल, हेयर, बुलेट्स और कई अन्य तरह के लैब टेस्ट शामिल हैं.
फॉरेंसिक साइंटिस्ट बनने के लिए योग्यता:
फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, मेडिकल टेक्नोलॉजी या जेनिटिक्स जैसे विषयों में बैचलर डिग्री होनी चाहिए. वहीं, कुछ दूसरे जॉब में लैब अनुभव भी मांगा जाएगा. बैचलर डिग्री के अलावा आप मास्टर डिग्री या डिप्लोमा फॉरेंसिक साइंस में कर सकते हैं.
कहां मिलेगा जॉब:
इस फील्ड में ज्यादातर जॉब गवर्नमेंट सेक्टर में है. यहां पुलिस, लीगल सिस्टम, इंवेस्टिगेटिव सर्विस जैसे जगहों पर जॉब मिल सकती है. वहीं, प्राइवेट एजेंसी भी फॉरेंसिक साइंटिस्ट्स को हायर करती है. ज्यादातर फॉरेंसिक साइंटिस्ट इंटेलिजेंस ब्यूरो और सीबीआई की ओर से हायर किए जाते हैं. इसके अलावा एक टीचर के रूप आप फॉरेंसिक साइंस को किसी इंस्टीट्यूट में पढ़ा कर अच्छी सैलरी कमा सकते हैं. योग्यता के आधार पर आपकी महीने की सैलरी 20-50 हजार रुपये तक या उससे ज्यादा भी हो सकती है.
जरूरी स्किल्स:
बातचीत करने में एक्सपर्ट हो क्योंकि कोर्ट में अपनी बातों को साबित करने के लिए मजबूत कम्यूनिकेशन स्किल्स जरूरी हैं.
कई तरह के टेस्ट रिपोर्ट लिखने होंगे इसलिए राइटिंग स्किल भी अच्छी होनी चाहिए.
ऑब्जेक्टिविटी के बारे में पता हो.
टॉप भारतीय फॉरेंसिक इंस्टीट्यूट:
इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फोरेंसिक साइंस, नई दिल्ली
लखनऊ यूनिवर्सिटी
लोक नायक जयप्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फोरेंसिक साइंस, दिल्ली
अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री, हैदराबाद