
बांसवाड़ा जिले के एसडीओ रामेश्वर मीणा आज पानी के तेज बहाव में बह गए. उन्हें अभी तक राहत और बचाव कार्य कर रही रेस्क्यू टीम नहीं ढूंढ पाई है. इसकी वजह से परिजन रो-रोकर बेहाल हो रहे है. वे किसी चमत्कार की उम्मीद कर रहे है कि एसडीएम पानी से जीवित निकल आएं. वे कल दोहपर 2 बजे अलवर से बांसवाड़ा के लिए रवाना हुए थे और सुबह सात बजे परिजनों को फोन कर बताया था कि वह सकुशल बांसवाड़ा पहुँच गए है और कुशलगढ़ से गाड़ी बुला ली है और वह ड्यूटी पर जा रहे हैं, चिंता करने की जरूरत नही है. इसके बाद करीब 10 बजे उन्हें सूचना मिली कि एसडीओ की गाड़ी पानी में बह गई है.
एसडीओ के बेटे सोनू मीणा ने आशंका जाहिर की है कि उनका पापा नेक इंसान और ईमानदार रहे. कोई गलत काम नहीं करते थे इसलिए उनकी बांसवाड़ा में कई लोगों से दुश्मनी हो गई थी. उन्हें इस हादसे में साजिश की बू आ रही है. उन्होंने कहा कि पापा तैरना जानते थे और पानी होने के बावजूद गाड़ी को पानी में उतारने की गलती नहीं कर सकते. ड्राइवर से इस बारे में पूछताछ होनी चहिए की कहीं उसने साजिश के तहत इस घटना को अंजाम तो नहीं दिया. उन्होंने बताया कि पापा दो-तीन महीने में घर आये थे और कल ही अलवर से बांसवाड़ा के लिए रवाना हुए थे. पुलिस ड्राईवर को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है. पुलिस के अनुसार प्रारंभिक जांच में ड्राईवर अशोक के लापरवाही का मामला सामने आया है. नदी में पानी कम होने और उनके नहीं मिलने की वजह से भी परिजन साजिश की आशंका जता रहे हैं.
अलवर जिले के राजगढ़ क्षेत्र के इंदपुरा गांव निवासी आरएसएस अधिकारी रामेश्वर दयाल मीणा करीब 15 साल तक समाजशास्त्र के कॉलेज प्रोफेसर रहे थे और 1996 में आरएएस पास कर तहसीलदार बने था. वे साल 2010 में प्रमोशन होने पर आरएएस बने थे. एसडीएम के तीन बेटे हैं जिनमे बड़ा बेटा फर्स्ट ग्रेड टीचर है और दो छोटे बेटे कॉम्पटीशन की तैयारी कर रहे हैं. उधर सरकार ने जयपुर और उदयपुर से भी रेस्क्यू टीम भेजी है. रात हो जाने के कारण ऑपरेशन रोक दिया गया है. इस मामले में आज भी पूछताछ की जाएगी.