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सीलिंग का जिन्न अब पहुंचा मेहरचंद मार्केट, 135 दुकानें हुईं सील

अवैध निर्माण के खिलाफ कहीं दुकानें सील की गईं तो कहीं सीढ़ियां ही सील कर दी गईं.150 से ज्यादा दुकानों वाले इस मार्केट में करीब 135 दुकानें सील की गई. सबसे ज्यादा एक्शन उन दुकानों पर हुआ, जिन्होंने बेसमेंट और अपर फ्लोर के साथ छेड़छाड़ की. सीलिंग ड्राइव के चपेट में दो बैंक भी आए. देना बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को अपना कामकाज समेटने के लिए कुछ दिनों का समय दिया गया है.

लोदी रोड के मेहरचंद मार्केट में सीलिंग लोदी रोड के मेहरचंद मार्केट में सीलिंग
अंकुर कुमार/रोशनी ठोकने
  • नई दिल्ली,
  • 10 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 9:55 PM IST

राजधानी दिल्ली में आजकल सीलिंग की दहशत है. पहले खान मार्केट और अब सीलिंग का जिन्न आखिरकार लोदी रोड के मेहरचंद मार्केट तक जा पहुंचा. बुधवार को सुबह से ही सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी की निगरानी में मेहरचंद मार्केट में सीलिंग का सिलसिला शुरू हुआ.

अवैध निर्माण के खिलाफ कहीं दुकानें सील की गईं तो कहीं सीढ़ियां ही सील कर दी गईं.150 से ज्यादा दुकानों वाले इस मार्केट में करीब 135 दुकानें सील की गई. सबसे ज्यादा एक्शन उन दुकानों पर हुआ, जिन्होंने बेसमेंट और अपर फ्लोर के साथ छेड़छाड़ की. सीलिंग ड्राइव के चपेट में दो बैंक भी आए. देना बैंक और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को अपना कामकाज समेटने के लिए कुछ दिनों का समय दिया गया है.

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सीलिंग शुरू होते ही दुकानदारों में अफरा तफरी मच गई. सीलिंग दस्ता पुलिस दलबल के साथ पहुंचा लिहाजा दुकानदारों का गुस्सा किसी काम नहीं आया और तमाम दुकानें, जिनमें प्रापर्टी का गलत तरीके से इस्तेमाल किया गया था, उसे सील कर दिया गया.

अब दुकानदार परेशान हैं और सवाल पूछ रहे हैं कि अगर उन्होंने अपने बिजनेस बढ़ाने के लिए कोई अवैध निर्माण किया भी है तो फिर पूरी दुकान को क्यों सील किया जा रहा है. कारोबार बंदी के दौरान क्या उनके घर का खर्च सरकार देगी.

मेहरचंद मार्केट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक सखुजा के मुताबिक इस पूरे मार्केट का रीडेवलपमेंट प्लान कई सालों से तैयार है. फिर भी अभी तक इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. हमें सीलिंग से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन एमसीडी बताएं कि जब प्रॉपटी के साथ छेड़छाड़ हुई या उसका गलत तरीके से इस्तेमाल हुआ तो उसके अधिकारी क्या कर रहे थे. अगर एक्शन दुकानों पर हो रहा है तो फिर उन अफसरों पर भी हो जिन्होंने ऐसा होने दिया.

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सीलिंग से एमसीडी में सत्तारूढ़ बीजेपी भी दबाव में है. पार्टी का कोर वोटर बिजनेस क्लास ही है और सीलिंग की वजह से वो एमसीडी से बेहद नाराज है. बीजेपी सीलिंग के दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है और जल्द ही सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी से मिलने वाली है, ताकि दुकानदारों को राहत दिलाई जा सके. दिल्ली सरकार ने भी एलान किया है कि वो सीलिंग के मुद्दे पर 15 जनवरी के बाद विधानसभा का विशेष सत्र बुलाएगी. सीलिंग की जद में आए तमाम दुकानदारों को कुछ राहत दिलाई जा सके. सुप्रीम कोर्ट में कनवर्जन चार्ज और सीलिंग के मुद्दे पर 12 जनवरी को सुनवाई होगी. अगर यहां से दुकानदारों को राहत नहीं मिली तो फिर 16 जनवरी के बाद पूरी दिल्ली में बड़े पैमाने पर सीलिंग होनी तय है.

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