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RSS तक जाएगी BJP में नेतृत्व बदलाव की धमक, बदलेंगे पार्टी में संघ के चेहरे!

बीजेपी में नेतृत्व के बदलाव के बाद अब आरएसएस और बीजेपी के रिश्ते में भी सांगठनिक बदलाव की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. अमित शाह के अध्यक्ष बनने के साथ ही राम माधव और शिव प्रकाश का आरएसस से बीजेपी में आना तय हो गया है. खबर है कि इन दोनों में से कोई आरएसएस के करीबी और पार्टी के संगठन महासचिव रामलाल की जगह ले सकता है.

amit shah amit shah
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 10 जुलाई 2014,
  • अपडेटेड 1:49 PM IST

बीजेपी में नेतृत्व के बदलाव के बाद अब आरएसएस और बीजेपी के रिश्ते में भी सांगठनिक बदलाव की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. अमित शाह के अध्यक्ष बनने के साथ ही राम माधव और शिव प्रकाश का आरएसस से बीजेपी में आना तय हो गया है. खबर है कि इन दोनों में से कोई आरएसएस के करीबी और पार्टी के संगठन महासचिव रामलाल की जगह ले सकता है. अंग्रेजी अखबार 'द इकोनॉमिक टाइम्स' ने बीजेपी सूत्रों के हवाले से यह खबर दी है.

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अखबार में छपी खबर के मुताबिक, अब बीजेपी आरएसएस कोटे वाले अपने नेताओं को बदलने जा रही है. सिर्फ रामलाल ही नहीं, संयुक्त सचिव सुरेश सोनी को भी कृष्ण गोपाल से बदलने की योजना है. सुरेश सोनी और रामलाल कई वर्षों से पार्टी में संघ के प्रतिनिधि के रूप में काम कर रहे हैं. पार्टी के सांगठनिक फैसलों में उनकी अहम भूमिका रही है.

पार्टी के एक उच्च सूत्र के मुताबिक, 'इसका मतलब साफ है कि नए अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पसंद के लोगों को पार्टी में मजबूत करना चाहेंगे. साथ ही आरएसएस से भी ऐसे लोग चुनेंगे जिनके साथ काम करना उनके लिए ठीक रहे.'

शिव प्रकाश पश्चिमी उत्तर प्रदेश में संघ प्रचारक हैं. उनके अमित शाह से अच्छे रिश्ते बताए जाते हैं. अखबार के मुताबिक, पार्टी उन्हें उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव के काम में लगा सकती या रामलाल का काम भी दे सकती है.

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कृष्ण गोपाल संगठन के स्तर पर मजबूत माने जाते हैं. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए अहम भूमिका निभाने वाले स्वयंसेवकों की ट्रेनिंग में कृष्ण गोपाल का हाथ भी रहा है.

बताया जाता है कि खुद सुरेश सोनी भी काफी समय से स्वास्थ्य कारणों के चलते अपने लिए अपेक्षाकृत रूप से आसान काम की मांग कर रहे हैं. पार्टी सूत्र ने बताया कि आरएसएस के दत्तात्रेय होसाबले को भी पार्टी एक से ज्यादा बार न्योता दे चुकी है लेकिन वह दिलचस्पी न होने के चलते हर बार मना कर देते हैं.

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