Advertisement

SEBI से मिल सकता है 1 करोड़ का इनाम, बस करना होगा ये काम

आने वाले दिनों में क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों और कंपनियों पर मार्केट रेग्‍युलेटर SEBI की सख्‍ती बढ़ने वाली है. इसके लिए  SEBI लोगों से मदद लेकर इसके एवज में इनाम देने की तैयारी में है.

SEBI से मिल सकता है 1 करोड़ का इनाम SEBI से मिल सकता है 1 करोड़ का इनाम
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 21 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST

निवेशकों की सुरक्षा के लिए मार्केट रेग्‍युलेटर SEBI एक खास पहल करने जा रही है. इसके तहत कंपनियों में इनसाइडर ट्रेडिंग के बारे में जानकारी देने वाले लोगों को 1 करोड़ रुपये तक का पुरस्कार मिल सकता है. गोपनीय जानकारी देने के लिए एक अलग हॉटलाइन भी रखी जायेगी. जांच में सहयोग करने पर मामूली गलतियों के लिए माफी अथवा निपटान समझौता भी किया जा सकेगा. 

Advertisement

यहां बता दें कि जब कंपनी के मैनेजमेंट से जुड़ा कोई व्यक्ति अंदरूनी जानकारी के आधार पर शेयर खरीद या बेचकर गलत तरीके से मुनाफा कमाता है तो इसे इनसाइडर ट्रेडिंग या भेदिया कारोबार कहा जाता है. इससे कंपनी पर भरोसा करने वाले निवेशकों को नुकसान होता है. अब निवेशकों के इसी नुकसान को बचाने के लिए सेबी कंपनियों पर सख्‍ती बढ़ाने की तैयारी में है.

इस योजना पर भी हो रहा काम!

क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों पर भी कड़ी निगरानी रखने की योजना पर काम हो रहा है. यही नहीं, नगर निगमों द्वारा धन संसाधन जुटाने के लिए जारी किये जाने वाले म्युनिसिपल या ‘मुनी बांड’ के मामले में भी नियमों को सरल बनाने पर भी फैसला हो सकता है. अगर ऐसा होता है तो नगर निकायों की ही तरह काम करने वाले दूसरे उद्यम अथवा निकाय भी ‘मुनी बांड’जारी कर धन जुटा सकेंगे और उन्हें शेयर बाजारों में सूचीबद्ध किया जायेगा. न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक सेबी निदेशक मंडल की बैठक में तमाम मुद्दों पर बात होगी और निर्णय लिया जायेगा.

Advertisement

क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों पर सख्‍ती क्‍यों?

दरअसल, कर्ज में डूबी इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (IL&FS) के मामले में रेटिंग एजेंसियों की भूमिका संदेह के घेरे में है. कुछ रेटिंग एजेंसियों पर आरोप है कि उन्होंने कंपनी के संभावित जोखिम के बारे में नहीं बताया और बढ़ा-चढ़ाकर रेटिंग दी. सेबी का अब रेटिंग एजेंसियों को लेकर अपने नियमों में संशोधन का प्रस्ताव है. इन एजेंसियों को अब यह सुनिश्चित करना होगा कि वह किसी भी सूचीबद्ध अथवा गैर- सूचीबद्ध कंपनियों को रेटिंग देने से पहले उनके मौजूदा और भविष्य में लिये जाने वाले कर्ज के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त करेगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement