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सुना है कि राजा के मन में क्या चल रहा है ये कोई नहीं जानता और कंजूस के पास कितना धन है, इसका कोई अनुमान नहीं लगा सकता.
हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ भी कुछ ऐसा ही है. भले ही हर रविवार को वो मन की बात करते हों लेकिन असल में उनके मन में क्या चल रहा है और वो क्या करने वाले हैं, ये कोई नहीं जानता. इस बात के पुख्ता सबूत पिछले कई सालों से मिल रहे हैं. लेकिन मन है कि मानता ही नहीं...कयास लगाने को. हवा में तीर चलाने को...जैसे....
1. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल का होगा प्रमोशन
2. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को मिलेगी तरक्की
3. संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी का बढ़ेगा ओहदा और
4. उद्योग राज्य मंत्री निर्मला सीतारमन का बढ़ेगा पद
....लेकिन देश में फैला ऐसा प्रकाश , जिससे चौंधिया गईं सबकी आंखें. विस्तार के पहले जावड़ेकर को जर्मनी से अचानक बुलाया गया था. तब उन्हें भी यह नहीं पता था कि उनको HRD मिलने वाला है. जरा भी अहसास नहीं था कि 'NaMo स्मृति' लौट आई है.
हमेशा की तरह जिसे मंत्री बनना था, उसे इस बार पीएमओ नहीं मोदी के राइट हैंड अमित शाह ही सूचित कर रहे थे. बड़े बड़ों को खबरचियों से यह पूछते पाया गया कि भाई! क्या लिस्ट आ गई है....बड़ा सस्पेंस बना हुआ है. और लिस्ट आ ही गई मंगलवार सुबह 11 बजे, अपने तय समय के अनुसार... और रात होने तक अलॉट हो गए पोर्टफोलियोज.
हालांकि हमारे पीएम ने लेट PM होते ही बातों ही बातों में यह इशारा कर दिया था कि मुंगेरीलाल के सपने देखना छोड़ दीजिए....कुछ बड़ा होने वाला है....बस टीवी पर नजर बनाए रखिए.....
इसलिए देशवासी, 2019 तक कृपया अफवाहों पर ध्यान न दें और अखबार/साइट्स/टीवी पर जब का टाइम दिया जाए तब ही उसे खोलकर बैठ जाएं....नहीं तो ऐसे ही ख्याली पुलाव पकाते रह जाएंगे!