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कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस एयरपोर्ट पर यात्रियों का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन सुरक्षा के इंतजाम उसके मुताबिक नहीं बढ़ाए जा रहे. गेट नंबर एक और पांच पर लगी एक्स-रे मशीनें भी जरूरत के मुताबिक काम नहीं कर रहीं.
20 वर्ग किलोमीटर में फैले टर्मिनल में हर वक्त कम से कम 1500 सुरक्षाकर्मियों की जरूरत होती है, लेकिन फिलहाल सीआईएसएफ के 1250 कर्मी ही सुरक्षा के लिए तैनात हैं. एयरपोर्ट के एंट्रेस पर भी तीन सुरक्षाकर्मी ही तैनात होते हैं, जबकि दूसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों के एंट्रेस पर 5 से 8 सुरक्षाकर्मी होते हैं.
एयरपोर्ट के एंट्रेस गेट्स पर ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी सिस्टम है, जहां हाल में सीसीटीवी कैमरे अपग्रेड किए गए हैं. हैरानी की बात यह है कि गाड़ियों की स्क्रीनिंग के लिए यहां अभी तक कोई सिस्टम नहीं है. इससे भी बड़ी चिंता की बात यह है कि पूरे एयरपोर्ट पर सिर्फ एक बम डिस्पोजल सूट है और इसे भी एक दशक से ज्यादा वक्त से बदला नहीं गया है.