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हरियाणा सरकार द्वारा अपनी मांगें नहीं माने जाने पर जाट नेताओं ने बुधवार को फिर से आंदोलन शुरू करने की धमकी दी थी. इसके बाद हरियाणा सरकार ने संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कर दी है.
इस बीच जाट आरक्षण से संबंधित बिल गुरुवार को विधान सभा में पेश होने की संभावना नहीं है. लेकिन मंत्री अनिल विज ने कहा कि बिल जरूर आएगा, जाट बंधुओं से कहना चाहता हूं कि धमकियां देना बंद करें.
जाट नेताओं के दबाव में नहीं झुकेंगे: विज
विज ने कहा कि हमारे मुख्यमंत्री ने बिल लाने का आश्वासन दिया था. बातचीत चल रही हैं. सरकार जाट नेताओं के दबाव में नहीं झुकेगी. वे हमें धमका नहीं सकते. उन्होंने कहा, 'ये मेरा व्यक्तिगत विचार है कि पिछले आंदोलन में लोगों को लगीं चोटें और उसके घाव अभी तक भरे नहीं हैं.' उन्हें ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए. हम चट्टान की तरह जाटों के साथ खड़े हैं. लेकिन उन्हें शांति बनाए रखनी होगी.
कई जिलों में धारा 144
आंदोलनकारियों ने गुरुवार तक की मोहलत दी थी, जो कि खत्म हो रही है. उसी को ध्यान में रखते हुए रोहतक सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है. अर्ध सैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है. हरियाणा के सभी जिला अधिकारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत विशेष शक्तियां दी गईं हैं. कई जिलों में धारा 144 लागू कर दिया गया है.
सरकार कर सकती है विश्वासघात: जाट महासभा
वहीं, हिसार में ऑल इंडिया जाट महासभा की बैठक हुई. जाट महासभा के मीडिया सलाहकार ने कहा, 'हो सकता है कि सरकार फिर से विश्वासघात करे. आंदोलन के दौरान खुली फायरिंग करने वाले पुलिस अफसरों पर कार्रवाई होनी चाहिए. अगर सरकार अन्याय करती है, तो जाट मजबूती से खड़े होंगे.'