Advertisement

सीधी बात में बोलीं महबूबा मुफ्ती- आज हर तरफ इनटॉलरेंस

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला का कहना है कि उन्हें हिंदुस्तान जिंदाबाद बोलने में कोई आपत्ति नहीं है,  लेकिन इसके लिए जोर-जबर्दस्ती नहीं किया जाना चाहिए.

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती
श्वेता सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 25 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 9:00 PM IST

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का कहना है कि आज हर तरफ इनटॉलरेंस है. वर्तमान में हालात ऐसे बन गए हैं कि आप चाहे कुछ भी रहे हों, लेकिन हिंदुस्तान को जिंदाबाद बोलने पर आप देशभक्त हो जाएंगे और नहीं बोलने वाले दुश्मन करार दिए जाएंगे.

आजतक से खास कार्यक्रम सीधी बात में महबूबा ने कहा कि जब हम छोटे थे तब 'जन गण मन' बजने पर हम खड़े हो जाते थे, लेकिन आज देशभक्ति का प्रमाण देना पड़ता है. 'जन गण मन' बोलने वाला देशभक्त बन जाता है और न बोलने वाला दुश्मन. हर तरफ इनटॉलरेंस है.

Advertisement

उन्होंने कहा कि उन्हें हिंदुस्तान जिंदाबाद बोलने से ऐतराज नहीं है. 'भारत माता की जय' का नारा लगाने पर पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला के साथ कथित तौर हुए अभद्र व्यवहार पर मुफ्ती ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए, राज्य के इतने बुजुर्ग नेता के साथ जो कुछ हुआ वो नहीं होना चाहिए था. लेकिन इस समय हर ओर इनटोलरेंस है जिसके कारण ऐसा हो रहा है.

सीधी बात के जरिए पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती ने मोदी सरकार को पाकिस्तान से तुरंत बातचीत की नसीहत दी. उन्होंने कहा कि जब आर्मी बैकग्राउंड वाले परवेज मुशर्रफ से बात हो सकती है तो जनता की ओर से निर्वाचित इमरान खान से क्यों नहीं बात हो सकती.

उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की समस्या राजनीतिक है, लिहाजा इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यहां राज्यपाल शासन है या फिर किसी और का. अभी पूरा जोर राज्य में लॉ एंड ऑर्डर बनाए रखना है. राज्य में इन्फ्रास्ट्र्क्चरल डेवलपमेंट से पहले कश्मीर के लोग शांति चाहते हैं.

Advertisement

महबूबा ने राज्य की समस्या का राजनीतिक तरीके से समाधान तलाशने की पैरवी करते हुए कहा कि वे बीजेपी से शुरू से ही कह रही हैं कि इस मसले के लिए पाकिस्तान से बातचीत की जाए, क्योंकि यही एकमात्र रास्ता है.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र करते हुए महबूबा ने कहा कि उन्होंने अपना वादा निभाया था. तभी वे पाकिस्तान गए. उन्होंने पाकिस्तान को सीजफायर के लिए राजी किया, जो 8 साल तक चला. वाजपेयी की तारीफ करते हुए महबूबा ने कहा कि उन्होंने तत्कालीन पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ जो कि फौजी थे, उन्हें भी सहमत कर लिया था.

सीधी बात में जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान में विश्वास है, तो उन्होंने कहा कि हमें इमरान के बयान का स्वागत करना चाहिए. महबूबा ने कहा कि भारत को सकारात्मक पहल करनी चाहिए. वार्ता ही एकमात्र विकल्प है. युद्ध किसी भी तरीके का समाधान नहीं है. अंधराष्ट्रभक्ति कोई विकल्प नहीं है.

राज्य में पीडीपी-बीजेपी गठबंधन टूटने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके लिए दोनों ही कसूरवार हैं. महबूबा ने कहा कि समर्थन वापसी के लिए मैं बीजेपी को दोष नहीं दूंगी, लेकिन एक कश्मीरी होने के नाते मैंने अपनी अवाम से कई वादे किए थे. मैं नहीं चाहती थी कि उनमें अविश्वास की भावना हो.

Advertisement

कठुआ गैंगरेप पर महबूबा ने कहा कि इस घटना के बाद बीजेपी के नेताओं ने कश्मीर में ध्रुवीकरण की कोशिश की. रेप के आरोपियों के समर्थन में जब बीजेपी के मंत्री आए तो मैंने पार्टी से कहा कि उन मंत्रियों को हटाया जाए. उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं के उस रैली में शामिल होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजनाथ सिंह तक बेहद परेशान थे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement