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सीधी बातः NRC विवाद पर बोले किरन रिजिजू- जो हिंदुस्तानी हैं, वो कतई न डरें

केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू ने 'आजतक' के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में एनआरसी समेत कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी. एनआरसी को लेकर जारी विवाद पर उन्होंने मोदी सरकार का भी पक्ष रखा.

किरेन रिजिजू किरेन रिजिजू
श्वेता सिंह/राम कृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 04 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 11:16 PM IST

आजतक के खास कार्यक्रम 'सीधी बात' में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू ने श्वेता सिंह के सवालों का जवाब दिया. इस दौरान उन्होंने एनआरसी को लेकर जारी विवाद पर केंद्र सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि जो भारत का नागरिक है, उसको डरने की जरूरत नहीं है. कोई प्रक्रियागत खामिया रही हैं, उनको सुधारा जाएगा.

गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजू ने कहा कि हमारी मजबूत सरकार है, किसी दल के कहने से फर्क नहीं पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में देश हित में काम करते रहेंगे. प्रकिया में सुधार की जरूरत महसूस होगी तो सुधार करेंगे, प्रशासनिक व्यवस्था में कमी होगी तो इसके लिए नीति को गलत नहीं ठहरा सकते हैं. आपको ड्राइविंग लाइसेंस या कोई और भी कागज हासिल करने के लिए कोई डॉक्यूमेंट तो देना होगा. भारतीयों को डरने की जरूरत नहीं है.

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एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार कोई भी काम करे, तो उसमें कोई धार्मिक नजरिया नहीं होता है. धर्म निजी चीज है. देश में अवैध रूप से आए ज्यादातर लोग बांग्लादेश से आए हैं, इसलिए बांग्लादेशी मुसलमानों को निशाना बनाए जाने की बात की जा रही है. हमारे देश में कागजात के साथ आने वालों का स्वागत है, वीजा के साथ आइए तो 'अतिथि देवो भव:' वाली नीति अपनाएंगे. छुपकर रहने वालों को हम कैसे बर्दाश्त कर लें.

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में छह अल्पसंख्यकों पर जुल्म हुआ है. हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध और पारसी मूल के लोगों पर जुल्म हुआ है. हमने सिर्फ उनकी एंट्री लीगल की है, उन्हें नागरिकता नहीं दी है. बिना कागजात के हमने किसी को इजाजत नहीं दी है.

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ममता बनर्जी द्वारा गृह युद्ध की बात करने के सवाल पर केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने कहा कि ममता बनर्जी एक राज्य की सीएम हैं. वह अपने राज्य की शांति व्यवस्था को बनाए रखें. हमारा काम देश में शांति बनाने का है, वह हम कर लेंगे. एक सीएम के मुंह से गृहयुद्ध की बात अच्छी नहीं लगती. हम उनकी इस बात को खारिज करते हैं.

बीजेपी नेता के घुसपैठियों को गोली मारने के बयान पर किरन रिजिजू ने कहा कि गृह मंत्रालय के लिए यह एक संवेदनशील मुद्दा है, इसलिए किसी को गोली मारने की बात नहीं की जानी चाहिए. देश भर में एनआरसी की बात नहीं करूंगा, क्योकि इस समय असम में यह काम चल रहा है.

उन्होंने कहा कि 1985 में राजीव गांधी निगरानी में अमस एकॉर्ड लागू हुआ. लेकिन कांग्रेस ने वोटबैंक की राजनीति के चलते इसे लागू नहीं किया. इसे धार्मिक रूप नहीं देना चाहिए. सवाल उठाने वाले राजनीतिक और धार्मिक रूप देना चाहते हैं. ऐसे लोगों को चुनावों में कोई लाभ नहीं मिलने वाला है.

केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि हमारे पास पहले से पूर्वोत्तर में 25 लोकसभा सीट हैं. हमें चुनाव जीतने के लिए एनआरसी का सहारा नहीं चाहिए. ये काम चुनावी हित के तहत नहीं लिया गया है. पीएम मोदी की पूर्वोत्तर की ओर देखो नीति पर काम कर रहे हैं. अगर कुछ दल कह रहे हैं कि बीजेपी गलत काम कर रही है, लेकिन ऐसा है तो बीजेपी आज इतनी मजबूत कैसे है. हम अपने मजबूत नेतृत्व के कारण मजबूत हैं. हम कमजोर नहीं हुए हैं.

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राहुल गांधी के पीएम मोदी के गले मिलने पर क्या आप हैरान हुए थे. इस पर रिजिजू ने कहा कि हमको लग रहा था कि राहुल गांधी भाषण देंगे, तो भूकंप आ जाएगा, लेकिन जब उन्होंने भाषण दिया, तो कोई तथ्य नहीं थे. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी में कोई गंभीरता नहीं थी. जहां तक राहुल गांधी के गले लगने का सवाल है, तो उनकी यह हरकत बचकानी है. उन्होंने गले मिलने के बाद अपनी सीट पर बैठकर आंख मारी, जो मुझको अच्छा नहीं लगा. प्रियंका गांधी के चुनाव लड़ने की खबर पर उन्होंने कहा कि हम जनता के बीच अपने काम को लेकर जाएंगे. एक परिवार सदा शासन नहीं कर सकता है.

जम्मू-कश्मीर में कठोर कदम उठाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम वहां कदम उठा रहे हैं, लेकिन कश्मीर का मुद्दा है. लिहाजा इस पर मैं ज्यादा नहीं बोल पाऊंगा, लेकिन मोदी सरकार ने जो कदम उठाया, वो सराहनीय है. पत्थरबाजों पर उन्होंने कहा कि जिन बच्चों के जरिए पत्थरबाजी कराई जाती है, वो कश्मीर के बच्चे हैं. यह ज्यादा दिन तक चलने वाला नहीं है. इन बच्चों ज्यादा दिन तक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. वहां पर हमारा पूरा नियंत्रण है.

लिंचिंग के मुद्दे पर किरन रिजिजू ने कहा कि यह कानून व्यवस्था का मुद्दा है. पीएम मोदी सभी पार्टियों के सामने कह चुके हैं कि लिंचिंग बेहद निंदनीय है. लोकतंत्र में ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आज सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहों को पूरी तरह से नियंत्रित कर पाना मुश्किल है. अगर ऐसा किया जाता है, तो फिर प्राइवेसी के हनन की बात सामने आ जाती है.

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उन्होंने कहा कि लिंचिंग रोकने के लिए सभी राज्यों को पहले ही कहा जा चुका है. इसके लिए एक कमेटी भी बनाई गई है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद कानून बनाने पर विचार किया जाएगा.

जब रिजिजू से पूछा गया कि क्या मंत्री बनने के बाद से आपके बोलचाल और व्यवहार में बदलाव आया है, तो उन्होंने कहा, 'मैं जब सांसद था, तब भी वैसे ही बोलता था  और आज मंत्री के रूप में भी वैसे ही खुलकर बात करता हूं. हालांकि मंत्री बनने के बाद जिम्मेदारी बढ़ गई हैं, जिसके चलते काम के लिए ज्यादा समय देना पड़ता है. इसलिए ज्यादा बोलने का समय नहीं मिलता है यानी बोलने की स्वतंत्रता कम हो गई है, क्योंकि देश के लिए काम करना ज्यादा जरूरी है.'

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