
भारतवंशी सीमा वर्मा को अमेरिका की शीर्ष स्वास्थ्य सेवाओं की प्रमुख बनाया गया है. सोमवार को अमेरिकी सीनेट ने 'सेंटर्स फॉर मेडिकेयर एंड मेडिकेड सर्विसेज' की प्रमुख के रूप में सीमा की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. भारतवंशी सीमा की नियुक्ति के पक्ष में 55-53 वोट पड़े. इसके तहत अमेरिका के 13 करोड़ लोगों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाता है.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनको इस अहम पद के लिए चुना था. उनको अमेरिका के इंडियाना राज्य के सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरीन सुधार के लिए जाना जाता है. अब वह ट्रंप के विवादास्पद स्वास्थ्य सेवा में सुधार में अहम भूमिका निभाएंगी. ट्रंप पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की हेल्थ केयर नीति के विपरीत अपनी हेल्थ केयर नीति लाना चाहते हैं. ऐसे में भारतीय मूल की सीमा एक खरब डॉलर की हेल्थ केयर एजेंसी 'सेंटर्स फॉर मेडिकेयर एंड मेडिकेड सर्विसेज' की सीएमएस के रूप में ट्रंप की योजनाओं को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगी.
अमेरिकी उप राष्ट्रपति माइक पेंस ने इंडियाना के गवर्नर रहने के दौरान सीमा को राज्य की हेल्थ केयर सलाहकार नियुक्त किया था. ट्रंप प्रशासन के हाउस रिपब्लिकन हेल्थ केयर बिल के आने से अमेरिका के स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक बदलाव होगा. इसका मकसद ओबामा केयर के उलट गरीबों के स्वास्थ्य सेवाओँ में खर्च को कम करना है. इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य पर खर्च कम होगा. वहीं, इस कानून के आने से 2026 तक 2.4 करोड़ लोग स्वास्थ्य बीमा से वंचित हो जाएंगे.
फिलहाल ओबामा केयर के तरह फिलहाल सात करोड़ गरीबों को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिल रहा है. मामले में सीमा ने कहा कि गरीब हेल्थ केयर से जु़ड़े फैसले लेने में पूरी तरह सक्षम हैं. मेडिकेयर में सुधार से 5.6 करोड़ बुजुर्गों और दिव्यांगों को लाभ मिलेगा. सीनेट में सुनवाई के दौरान सीमा वर्मा ने कहा कि वह सरकारी स्वास्थ्य कार्यक्रम में सुधार करना चाहती हैं.
वह मेडिकेयर को वाउचर प्लान में तब्दील करने का समर्थन नहीं करती हैं, जिससे की सेवानिवृत्त लोग सरकारी निजी बीमा योजना को खरीद सकें. हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज सेक्रेटरी टॉम प्राइस ने कहा कि सीमा ने इंडियाना राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं में बेहतरीन सुधार किया है और उसको पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए.