अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने आज तक से खास बातचीत में अपने दर्द को बयां किया. सहवाग ने संन्यास पर बोलते हुए कहा कि बोर्ड ने अगर बता दिया होता तो 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलकर ही संन्यास ले लेते.
टीम इंडिया के चयनकर्ताओं पर निशाना साधते हुए सहवाग ने कहा कि चयनकर्ता खिलाड़ी के
आउट आफ फॉर्म होते ही दूध से मक्खी की तरह टीम से निकाल देते हैं.
धोनी से विवाद पर सहवाग ने कहा कि उनका धोनी से कभी विवाद नहीं रहा. वीरू का मानना है कि अगर धोनी उन्हें टीम से निकलवाना चाहते तो वो 2007 में ही उन्हें बाहर करवा देते जब वो आउट आफ फॉर्म थे.
सहवाग की 10 बातें 1- विदाई मैच नहीं खेलने का दुख हमेशा रहेगा.
2- चयनकर्ता दूध से मक्खी की तरह टीम से निकाल देते हैं.
3- बोर्ड ने बता दिया होता तो 2013 में संन्यास ले लेते.
4- सबसे यादगार लमहा टेस्ट टीम का नंबर वन बनना
4- 100 टेस्ट खेलने वालों का भी सम्मान नहीं
5- सबके लिए एक जैसा पैमाना हो
6- मैदान से विदाई होती तो अच्छा होता
7- टेस्ट की पहली पारी सबसे प्यारी, पहली पारी में लगाया था शतक
8- सौरव गांगुली का जीवनभर जताएंगे आभार
9-
धोनी से कोई विवाद नहीं था 10- टीम से बाहर करते समय इस बात का ख्याल रखा जाना चाहिए कि वह सीनियर है या जूनियर.