
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने शुक्रवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनके बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा को दी गई विशेष सुरक्षा समूह (SPG) की सुरक्षा हटा दी. केंद्र के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस उग्र हो गई है और उसने इसे बदले की राजनीति करार दिया तो वहीं एनएसयूआई के कार्यकर्ता गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.
मोदी सरकार के इस फैसले की कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र बदले की राजनीति कर रहा है. सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की जान को खतरा है.
निजी दुश्मनी में अंधे हो गएः वेणुगोपाल
कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह निजी दुश्मनी और राजनीतिक बदले के चक्कर में अंधे हो गए हैं. यह सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा से एसपीजी की सुरक्षा वापस लेने से साबित हो गया है.
दूसरी ओर केंद्र के फैसले के बाद कांग्रेस कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं और वे गृह मंत्री अमित शाह के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं.
केंद्र की ओर से गांधी परिवार के इन तीनों सदस्यों को अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) द्वारा 'जेड प्लस' सुरक्षा प्रदान की जाएगी. सरकार के इस फैसले के बाद CRPF के वरिष्ठ अधिकारी दिल्ली स्थित 10 जनपथ यानी सोनिया गांधी के आवास पर पहुंच गए हैं. वो यहां गांधी परिवार की सुरक्षा में तैनाती के संबंध में पहुंचे.
बता दें कि सीआरपीएफ के जिम्मेदारी संभालने के बाद एसपीजी सुरक्षा को उनके नई दिल्ली स्थित आवास से वापस ले लिया जाएगा.
एसपीजी हटने के बाद अब गांधी परिवार की सुरक्षा में Z+ श्रेणी की होगी और CRPF के कमांडो सुरक्षा ड्यूटी में तैनात होंगे. यह महत्वपूर्ण फैसला गृह मंत्रालय की उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया.
अब SPG की सुरक्षा सिर्फ PM मोदी को
अब इस फैसले का मतलब है कि अब एसपीजी की सुरक्षा सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास ही रहेगी क्योंकि इससे पहले एसपीजी की सुरक्षा सिर्फ चार लोगों के पास थी जिसमें पीएम मोदी के साथ-साथ सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का नाम भी शामिल था.
कहा जा रहा है कि केंद्र ने यह निर्णय सभी सुरक्षा एजेंसियों से मिले इनपुट्स के आधार पर लिया है. सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ समय में गांधी फैमिली पर किसी तरह के हमले की कोई धमकी या उसकी आशंका नहीं थी और इसी वजह से सरकार की तरफ से सुरक्षा कम करने का फैसला लिया गया.