
आरटीआइ एक्टिविस्ट शेहला मसूद और इंटीरियर डिजाइनर जाहिदा परवेज कभी पक्की सहेलियां हुआ करती थीं. लेकिन उनकी इस दोस्ती को जाने किसकी नजर लग गई. आरोप है कि जाहिदा ने तीन लाख रु. की सुपारी देकर भाड़े के शूटर्स से शेहला की हत्या करवा दी. इस काम में भोपाल के शातिर अपराधी साकिब डेंजर ने जाहिदा का साथ दिया. यह खुलासा सीबीआइ सूत्रों ने किया है.
बुधवार, 29 फरवरी को इंदौर में सीबीआइ के विशेष कोर्ट में मजिस्ट्रेट डॉ. शुभ्रा सिंह के समक्ष जाहिदा और साकिब डेंजर को पेश किया गया. सीबीआइ की चार्जशीट को देखते हुए कोर्ट ने जाहिदा को 6 मार्च तक रिमांड पर भेज दिया है. अगस्त, 2011 में शेहला की उसके भोपाल स्थित घर के बाहर कार में हत्या कर दी गई थी.
शेहला की हत्या के आरोप में जब जाहिदा परवेज को सीबीआइ ने गिरफ्तार किया तो भोपाल के हाइ प्रोफाइल सर्कल में जैसे सनसनी फैल गई. बताया जा रहा है कि पर्यटन विकास निगम में ठेके लेकर बड़े-बड़े काम करने वाली जाहिदा दरअसल भाजपा के कई नेताओं के संपर्क में थी.
उनकी नजदीकियों का अंदाजा इसी बात से लग जाता है कि जैसे ही जाहिदा को गिरफ्तार किया गया, भाजपा विधायक और कभी पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष रहे ध्रुव नारायण सिंह के चार इमली स्थित घर के बाहर मीडिया और शुभचिंतकों का हुजूम लग गया. हालांकि इस घटनाक्रम के बाद सिंह ने कहा कि कुछ लोग उनके बारे में गलत अफवाहें उड़ा रहे हैं और उन्हें इसमें घसीट रहे हैं. वे मीडिया से बात नहीं कर रहे थे क्योंकि उन्हें वायरल फीवर था. उल्लेखनीय है कि शेहला और जाहिदा के कॉल डिटेल्स में ध्रुव नारायण सिंह के नंबर थे.
जाहिदा ने शेहला की हत्या क्यों करवाई? इसे लेकर तरह-तरह की बातें सामने आ रही हैं. सीबीआइ का दावा है कि इसके पीछे कुछ कारोबारी और कुछ निजी कारण थे. यानी जाहिदा के पति असद परवेज के साथ शेहला के कथित अवैध संबंधों के चलते यह हत्या हुई है. सीबीआइ आधिकारिक तौर पर कुछ भी कहने से बच रही है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जाहिदा 2009 में भोपाल के भदभदा रोड पर बनने वाले 200 कमरों के एक कन्वेंशन सेंटर का ठेका लेने जा रही थी.
यह करीब 1 करोड़ रु. से ज्यादा का ठेका था. जिसे शेहला ने पांच आरटीआइ अर्जियां दाखिल कर अटकाने का काम किया. उनकी यह अनबन दुश्मनी की हदों को पार कर गई. जाहिदा ने पर्यटन विकास निगम के सड़क किनारे बनने वाले कई छोटे होटलों का ठेका हासिल किया था. हालांकि वह सिर्फ इंटीरियर डिजाइनर थी लेकिन संपर्कों के कारण उसे आर्किटेक्ट के काम भी दिए गए. आरोप है कि शेहला की लगातार धमकियों से तंग आकर जाहिदा भोपाल के नामी अपराधी साकिब डेंजर के संपर्क में आई. उसी के माध्यम से उत्तर प्रदेश के कानपुर के शूटर्स को शेहला की हत्या की सुपारी दी गई.
सीबीआइ को जनवरी में ही इस बात के सबूत मिले थे कि शेहला की हत्या में भोपाल के कौन से अपराधी शामिल हैं. शेहला के मोबाइल को जांच के दायरे में लेने के बाद सीबीआइ ने कुछ खास नंबरों पर फोकस किया तो कानपुर के कॉन्ट्रेक्ट किलर इरफान, शानू औलंगा और सलीम के साथ भोपाल के साकिब डेंजर और जाहिदा के लगातार संपर्क में रहने के सबूत मिले. सीबीआइ के स्पेशल डायरेक्टर वी.के. गुप्ता 10 फरवरी को भोपाल आए थे. सीबीआइ ने यूपी एसटीएफ से इरफान को हिरासत में लेकर पूछताछ करने को कहा. पूछताछ के दौरान इरफान ने बताया कि भोपाल के किसी शख्स ने उसे और शानू औलंगा को शेहला की हत्या के लिए तीन लाख रु. की सुपारी दी. इरफान के मुताबिक हत्या शानू ने की, जो बाद में नवंबर में कानपुर की एक अदालत के बाहर शूटआउट में मारा गया. इरफान के बयान के बाद पहले साकिब डेंजर और फिर जाहिदा को गिरफ्तार किया गया. मामले के जबरदस्त मोड़ लेने से आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.