
सोमवार के कारोबारी सत्र में भारतीय शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी रिकॉर्ड ऊंचाई पर बंद हुए. सेंसेक्स 135 अंक की बढ़त के साथ 37691 के स्तर पर और निफ्टी 26 अंक की तेजी के साथ 11387 के स्तर पर बंद हुआ. भारतीय शेयर बाजार हर रोज नए शिखर बना रहे हैं. यह तेजी बाजार में ऐसे समय में देखने को मिल रही है,
-जब देश में महंगाई लगातार बढ़ रही है. कमजोर मानसून और बढ़ी हुई एमएसपी इसके और बढ़ने की आशंका को बल देते हैं.
-क्रेडिट पॉलिसी समीक्षा में लगातार दो बढ़ोतरी कर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआइ) ने यह साफ कर दिया कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दौर शुरू हो चुका है.
-कमजोर रुपया, जीएसटी रेवेन्यु घटने की आशंका घाटा बढ़ने का कारण बन सकते हैं.
- ट्रेड-वॉर कभी भी शेयर बाजार के लिए अंतरराष्ट्रीय मौसम को खराब कर सकते हैं.
ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि तमाम नकारात्मक संकेतों के बीच भी बाजार में इस तेजी का कारण क्या है? क्या बाजार की मौजूदा तेजी मुनाफावसूली से पहले अंतिम दौर की खरीदारी है? या फिर सेंसेक्स और निफ्टी नए शिखर बनाने की ओर अग्रसर है?
इन सवालों के जवाब पर बाजार के जानकारों का मानना है कि मौजूदा तेजी को पूरे बाजार की तेजी नहीं कहा जा सकता है. यह महज कुछ शेयरों के बल पर इंडेक्स को मैनेज करने वाली तेजी है, जो लंबे समय तक टिकाऊ नहीं रहेगी.
शेयर बाजार के फंडामेंटल एनालिस्ट अविनाश गोरक्षकर कहते हैं कि बाजार की मौजूदा तेजी में मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में कोई खरीदारी देखने को नहीं मिल रही है.
इंडेक्स में ज्यादा वेटेज रखने वाले कुछ शेयरों (टीसीएस, रिलायंस इंडस्ट्रीज) में खरीदारी के वजह से सेंसेक्स और निफ्टी हर रोज नए शिखर छूते दिख रहे हैं.
अविनाश आगे कहते है कि बाजार में अभी कोई बड़ा सकारात्मक संकेत नहीं है, जिसके बल पर बाजार की तेजी टिकाऊ रह सके. ऐसे में किसी भी छोटे से नकारात्मक संकेत का भी बाजार पर गहरा असर पड़ेगा.
मसलन, रुपए में कोई बड़ी गिरावट, कच्चे तेल की कीमत 75 डॉलर के पार निकल जाना, चीन और अमेरिका में ट्रेड वॉर बढ़ना.
विधानसभा चुनाव बनेंगे बड़ा ट्रिगर
अविनाश मानते हैं कि आगामी विधानसभा चुनाव (मध्य प्रदेश, राजस्थान) बाजार के लिए बड़ा ट्रिगर साबित होंगे. विधानसभा चुनाव में बीजेपी का अच्छा प्रदर्शन बाजार को बूस्ट दे सकता है, वहीं इसके विपरीत राज्यों से बीजेपी की सरकार का जाना 2019 में बीजेपी की स्थिति कमजोर होने का संकेत देगा.
यह बाजार के लिए बेहद नकारात्मक संकेत होगा. विधानसभा चुनाव से ही दरअसल बाजार 2019 के चुनाव को डिस्काउंट करना शुरू करेगा.
वहीं बाजार विशेषज्ञ राजेश शर्मा भी मानते हैं कि बाजार में मौजूदा तेजी में किसी बड़ी खरीदारी से परहेज करना चाहिए. उनके मुताबिक बाजार में यह तेजी इसे मुनाफावसूली के माफिक बनाने के लिए की जा रही है.
हाल में कुछ शेयरों में आई तेजी के बाद फंड हाउसेस की ओर से की गई बिकवाली इसका संकेत है. राजेश के मुताबिक मौजूदा स्तर से निफ्टी में 100 से 150 प्वाइंट की तेजी और देखने को मिल सकती है.
इसके बाद बाजार ऐसे स्तर पर पहुंच जाएगा जहां से मुनाफावसूली देखने को मिल सकती है. शेयर बाजार में सीधे निवेश करने वाले नए निवेशकों के लिए राजेश की सलाह अभी बाजार में कुछ इंतजार करने की है.
विदेशी संस्थागत निवेशकों की बिकवाली
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ) ने अगस्त में अब तक करीब 1000 करोड़ की बिकवाली की है. जबकि डेट मार्केट में 2000 करोड़ से ज्यादा की खरीदारी हुई है.
बीते तीन महीनो में 13000 करोड़ से ज्यादा की बिकवाली के बाद अप्रैल में एफआइआइ ने कुल 490 करोड़ रुपए की खरीदारी की थी. विदेशी निवेशकों की ओर से सुस्त बड़ी खरीदारी भी बाजार में किसी बड़ी तेजी की संभावना को कमजोर करता है.
क्या करें निवेशक
केजरीवाल रिसर्च एंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज के फाउंडर और बाजार विशेषज्ञ अरुण केजरीवाल कहते हैं कि बाजार की तेजी अपने अंतिम चरण में दिख रही है. छोटे स्टॉक्स का एकदम से डबल हो जाना, चुनिंदा शेयरों में खरीदारी के बल पर सेंसेक्स और निफ्टी का नए शिखर बनाना और नए निवेशकों को बड़ी संख्या में बाजार में आना यह बाजार में यूफोरिया बनने का संकेत है.
केजरीवाल कहते हैं कि बाजार में 15 से 20 सत्रों की तेजी के बाद एक अच्छा करेक्शन देखने को मिल सकता है. ऐसे में जिन निवेशकों ने बाजार में अब तक निवेश नहीं किया है, उन्हें कुछ वक्त और इंतजार करना चाहिए.
बाजार में गिरावट आने पर मजबूत फंडामेंटल वाले शेयरों में सौदे बनाने चाहिए. इसके साथ साथ ऐसे निवेशक जो अच्छे मुनाफे पर बैठे हैं उन्हें कुछ मुनाफावसूली करके नकदी हाथ में रखकर अच्छे मौकों का इंतजार करना चाहिए.
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