
जम्मू एवं कश्मीर के राजौरी जिले में मंगलवार को भड़काऊ भाषण देने के लिए एक सिख नेता को कठोर सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत हिरासत में ले लिया गया. पुलिस ने भड़काऊ भाषण देने के लिए पेशे से वकील देविंदर सिंह बहल को पीएसए के तहत राजौरी जिले के नौशेरा शहर से हिरासत में ले लिया.
बहल ने हाल ही में लोगों से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मीरपुर कोटली तक मार्च निकालने का आह्वान किया था. यह मार्च नौशेरा को जिले का दर्जा दिए जाने के लिए चल रहे उनके आंदोलन का हिस्सा था.
नौशेरा को जिले का दर्जा दिलाने के लिए शुरू हुआ यह आंदोलन मंगलवार को 47वें दिन में प्रवेश कर गया, जिसके कारण इलाके में व्यापार, सार्वजनिक परिवहन और शिक्षा संस्थान बंद रहे. पुलिस का कहना है कि देश की अखंडता को चुनौती देने के लिए बहल को पीएसए के तहत हिरासत में लिया गया है.
जम्मू एवं कश्मीर में लागू पीएसए एक कठोर कानून है, जिसके तहत किसी व्यक्ति को बिना किसी न्यायिक आदेश के दो साल की अवधि तक हिरासत में रखा जा सकता है. यह कानून पहली बार 1970 में लागू किया गया था.
यह अधिनियम लकड़ी के तस्करों से निपटने के लिए लागू किया गया था, जिनकी गतिविधियों ने राज्य के जंगलों को भारी नुकसान पहुंचाया था. बीते कुछ सालों में इस कानून को अलगाववादियों, राजनेताओं और आतंकियों के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने लगा है.
बता दें कि बहल का नाम इससे पहले मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के साथ भी जुड़ चुका है. मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बहल पिछले साल से ही NIA की जांच के घेरे में हैं. बहल जम्मू एंड कश्मीर सोशल पीश फोरम (JKSPF) के चेयरमैन भी हैं. JKSPF गिलानी की हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की अनुषंगी संस्था है.