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हैदराबाद में आतंकी हमला, 14 लोगों की मौत

हैदराबाद के दिलसुखनगर में 2 सिलसिलेवार धमाके हुए हैं. धमाकों में 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 75 लोग घायल हैं. धमाकों के बाद भगदड़ भी मच गई. गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे हैदराबाद पहुंचने वाले हैं.

आजतक ब्‍यूरो
  • हैदराबाद,
  • 21 फरवरी 2013,
  • अपडेटेड 8:49 AM IST

हैदराबाद के दिलसुखनगर में 2 सिलसिलेवार धमाके हुए हैं. धमाकों में 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 75 लोग घायल हैं. धमाकों के बाद भगदड़ भी मच गई. गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे हैदराबाद पहुंचने वाले हैं.

शाम के करीब 7 बजे का वक्त था कि हैदराबाद के दिलसुख नगर का इलाका एक के बाद एक धमाकों की आवाज से गूंज उठा. पहला ब्लास्ट 7 बज कर एक मिनट पर पर हुआ. ये ब्लास्ट दिलसुखनगर इलाके के वेंकटाद्रि सिनेमा के पास हुए. जब तक कोई कुछ समझ पाता तब तक दूसरे बलास्ट की आवाज कोणार्क सिनेमा हॉल के करीब बस स्टैंड के पास से सुनाई दी.

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दूसरा धमाका सात बजकर छह मिनट हुआ, वहां खाने पीने के सामानों की कई दुकानें थी. दूसरा धमाका इतना जोरदार था कि बस के भीतर बैठे लोग भी घायल हो गए. कुछ मिनट बाद तीसरा धमाका भी हुआ और एक जिंदा बम को वरामद किया गया. चश्मदीदो की माने तो ब्लास्ट की आवाज एक किलोमीटर दूर तक सुनाई दी.

आतंकी हमले की आशंका
सिरियल ब्लास्ट के बाद पूरे इलाके में अफरातफरी मच गई. पुलिस ने पूरे इलाके को सील कर दिया. दिलसुखनगर हैदराबाद का ये बाहरी इलाका है, जहां फल बाजार होने के वजह से यहां काफी भीड़ रहती है. फिल्मों के थिएटर होने की वजह से भी शाम के वक्त इलाके में भीड़ काफी बढ़ जाती है. भीड़ की वजह से कई बार पैदल सड़क पार करने में भी काफी वक्त लगता है.

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बलास्ट के बाद पुलिस ने पूरे इलाके को घेर लिया. ब्लास्ट वाली जगह से शुरुआती तफ्तीश में टाइमर मिले. जाहिर है कि आतंकी हमले की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता. हैदराबाद में सिरियल बलास्ट ने दिल्ली को भी हिला दिया.

गृह मंत्रालय के मुताबिक आंध्र पद्रेश सरकार को मंगलवार को ही खुफिया जानकारी के आधार पर अलर्ट रहने को कहा गया था. इससे पहले 2007 में भी हैदराबाद आतंकी हमलों का शिकार हुआ था. उस समय मक्का मस्जिद समेत तीन जगहों पर विस्फोट हुए थे और दिलसुख नगर में एक बम रखा गया था, जिसे फटने से पहले ही नाकाम करने में कामयाबी मिली थी.

शक की सूई इंडियन मुजाहिद्दीन की ओर
फिलहाल किसी भी संगठन ने हैदराबाद बम धमाकों की जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन शक की सूई इंडियन मुजाहिद्दीन की ओर इशारा कर रही है. शुरुआती जानकारी के मुताबिक बम धमाकों में मोटरसाइकिल और साइकिल का इस्तेमाल किया गया है. धमाको को अंजाम देने के लिए टाइमर के इस्तेमाल की जानकारी भी सामने आ रही है. धमाकों में कई लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है.

धमाके की जगह से टाइमर भी बरामद
फिलहाल जांच शुरू हो चुकी है लेकिन जो शुरुआती जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक ब्लास्ट शाम 7 बजे से लेकर शाम 7 बजकर 10 मिनट के बीच हुआ. एक धमाके में टिफिन बॉक्स का इस्तेमाल हुआ है जिसे एक मोटरसाइकिल पर रखा गया था. मोटरसाइकिल का नंबर है AP 29 G 6294. जबकि एक धमाके में साइकिल के इस्तेमाल की सूचना आ रही है. पुलिस को धमाके की जगह से टाइमर भी बरामद हुआ है. हैदराबाद पुलिस के मुताबिक ब्लास्ट के पीछे इंडियन मुजाहिद्दीन का हाथ हो सकता है. आशंका ये भी जताई जा रही है कि धमाकों को अंजाम देने के लिए आईडी का इस्तेमाल किया गया हो. सभी धमाके 100 मीटर के बीच ही हुए हैं.

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खुफिया एजेंसियों ने पहले ही किया था अलर्ट
खुफिया एजेंसियों ने 18 फरवरी को ही अलर्ट जारी कर दिया था. एजेंसियों ने देश के बाहर से घुसपैठ की पहले ही खबर दे दी थी. सूत्रों के मुताबिक नेपाल से 4 लोगों ने घुसपैठ की थी. इसके बाद खुफिया एजेंसियों ने 4 शहरों में ब्लास्ट का खतरा जताया था. धमाकों के पीछे इंडियन मुजाहिद्दीन का नाम इसलिए भी सामने आ रहा है क्योंकि अगस्त 2012 के पुणे सीरियल धमाकों को भी बिलकुल इसी तरीके से अंजाम दिया गया था. पुणे के सीरियल ब्लास्ट में भी ब्लास्ट के लिए साइकिल का इस्तेमाल किय़ा गय़ा था और 6 धमाकों का वक्त भी शाम 7 बजे से शाम 7 बजकर 14 मिनट के बीच ही था.

पहले भी हैदराबाद में हुए हैं धमाके
हैदराबाद पहले भी बम धमाकों का जख्म झेल चुका है जब साल 2007 के अगस्त और मई महीने में करीब 60 लोग अपनी जान से हाथ गंवा बैठे थे. पुलिस के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसिय़ां भी जांच में लग चुकी हैं लेकिन ये साफ जाहिर है कि खुफिया जानकारी मिलने के बाद भी अगर हैदराबाद में धमाका होता है तो ये यकीनन राज्य सरकार की एक बड़ी चूक है.

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