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ICC ने ठुकराई PAK से संबंध खत्म करने की मांग, कहा- ये हमारा काम नहीं

The International Cricket Council concluded six days of meetings in Dubai. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने आतंकवाद उत्पन्न करने वाले देशों से संबंध तोड़ने के बीसीसीआई के आग्रह को ठुकराते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में आईसीसी की कोई भूमिका नहीं है.

The International Cricket Council concluded six days of meetings in Dubai The International Cricket Council concluded six days of meetings in Dubai
aajtak.in
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  • 03 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 1:23 PM IST

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने ‘आतंकवाद उत्पन्न’ करने वाले देशों से संबंध तोड़ने के बीसीसीआई के आग्रह को ठुकराते हुए कहा कि इस तरह के मामलों में आईसीसी की कोई भूमिका नहीं है. पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत के बाद बीसीसीआई ने आईसीसी को पत्र लिखकर वैश्विक संस्था और उसके सदस्य देशों से आतंकियों को शरण देने वाले देशों से संबंध तोड़ने की अपील की थी.

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बीसीसीआई के अधिकारी ने पीटीआई को नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘ऐसा कोई संभावना नहीं थी कि इस तरह की चीज होती. आईसीसी चेयरमैन ने स्पष्ट कर दिया कि किसी देश को बहिष्कृत करने का फैसला सरकार के स्तर पर किया जाना चाहिए और आईसीसी का ऐसा कोई नियम नहीं है. बीसीसीआई को भी यह बात पता थी, लेकिन इसके बावजूद उसने कोशिश करके देखी.’

बीसीसीआई के पत्र में पाकिस्तान का संदर्भ नहीं था जिस पर भारत ने आतंकियों को शरण देने का आरोप लगाया है. यह मुद्दा शनिवार को चेयरमैन शशांक मनोहर की अध्यक्षता में हुई आईसीसी की बोर्ड बैठक में उठाया गया, लेकिन इसे काफी समय नहीं दिया गया.

बीसीसीआई का प्रतिनिधित्व कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी कर रहे थे. बोर्ड अधिकारी ने कहा, ‘सदस्य देशों के इतने सारे खिलाड़ी पाकिस्तान सुपर लीग में खेलते हैं और वे इस तरह के आग्रह को कभी तवज्जो नहीं देते, हां, सुरक्षा चिंता की बात थी और इसे पूरी तरजीह दी गई.’

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भारतीय क्रिकेट टीम को आगामी विश्व कप के दौरान 16 जून को पाकिस्तान से भिड़ना है. पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच बढ़े राजनयिक तनाव के कारण इस मैच के बहिष्कार की मांग की जा रही है. भारत क्रिकेट के कुछ बड़े नामों ने यह मांग की है जिसमें हरभजन सिंह और सौरव गांगुली भी शामिल हैं.

भारतीय क्रिकेट का संचालन कर रही प्रशासकों की समिति ने हालांकि अब तक इस मामले में कोई फैसला नहीं करते हुए कहा है कि वह सरकार का नजरिया जानेगा.

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