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बिहार: टोल टैक्स दिए बिना गुजरा शहाबुद्दीन का 200 गाड़ि‍यों का काफिला

मुजफ्फरपुर टोल के मैनेजर दीपक चौबे ने बताया, 'शनिवार को हमें पुलिस से ऑर्डर मिले थे कि शहाबुद्दीन के 200 कार वाले काफिले को बिना टोल टैक्स लिए ही जाने दिया जाए.' ये मामला सामने आने के बाद एक बार बीजेपी ने बिहार में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी का कहना है कि 'अव्यवस्था' और 'जंगल राज' फिर से बिहार में वापस लौट आई है.

11 साल बाद जेल से रिहा हुए शहाबुद्दीन 11 साल बाद जेल से रिहा हुए शहाबुद्दीन
अंजलि कर्मकार
  • मुजफ्फरपुर,
  • 12 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 12:59 PM IST

तेजाब कांड में पटना हाई कोर्ट से जमानत पाकर सीवान लौटे आरजेडी के पूर्व सांसद और बाहुबली शहाबुद्दीन को लेकर बिहार में नीतीश सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. शनिवार को जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद वह गाजे-बाजे और 200 गाड़ियों के काफिले के साथ सीवान पहुंचे. इस दौरान काफिले ने मुजफ्फरपुर टोल पर टैक्स भी नहीं चुकाया.

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मुजफ्फरपुर टोल के मैनेजर दीपक चौबे ने बताया, 'शनिवार को हमें पुलिस से ऑर्डर मिले थे कि शहाबुद्दीन के 200 कार वाले काफिले को बिना टोल टैक्स लिए ही जाने दिया जाए.' ये मामला सामने आने के बाद एक बार बीजेपी ने बिहार में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर नीतीश सरकार पर निशाना साधा है. बीजेपी का कहना है कि 'अव्यवस्था' और 'जंगल राज' फिर से बिहार में वापस लौट आई है.

'अब होगी नीतीश की असली परीक्षा'
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रवि शंकर प्रसाद का कहना है कि शहाबुद्दीन के जेल से छूटने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार को अब राज्य में लॉ एंड ऑर्डर को बनाए रखने के लिए 'रियल लिटमस टेस्ट' का सामना करना पड़ेगा. शहाबुद्दीन के रहते बिहार में शांति कायम रखना नीतीश सरकार की असली परीक्षा होगी

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'लालू ही हमारे नेता'
बता दें, जेल से बाहर आने के बाद शहाबुद्दीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा था और कहा था कि वे मेरे नेता नहीं हैं और वे बस परिस्थितियों के कारण मुख्यमंत्री हैं. शहाबुद्दीन ने लालू प्रसाद यादव को अपना नेता बताया. उन्होंने कहा, 'लालू यादव ही हमारे नेता हैं. मुझे उनकी ही छत्रछाया में रहना है. मैं अपनी छवि क्यों बदलूं? मैं जैसा हूं, 26 साल तक लोगों ने मुझे इसी रूप में स्वीकार किया है. सब जानते हैं कि मुझे फंसाया गया था. कोर्ट ने मुझे जेल भेजा और अब कोर्ट ने ही मुझे आजाद किया है.

तेजाब से नहलाकर की चश्मदीद की हत्या
शहाबुद्दीन दो भाइयों की तेजाब से नहलाकर हत्या करने और बाद में हत्याकांड के इकलौते गवाह उनके तीसरे भाई राजीव रौशन की हत्या के मामले में भागलपुर जेल में बंद थे. दोहरे हत्याकांड में उन्हें हाई कोर्ट से फरवरी में ही जमानत मिल चुकी थी. बुधवार को गवाह की हत्या के मामले में भी अदालत ने उनकी जमानत मंजूर कर ली. इसके बाद उनकी रिहाई हुई.

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