
महीना भर से ज्यादा गुजर गया. दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ जो विरोध की चिंगारी जली है, वो जलती ही जा रही है. 15 जनवरी को शाहीन बाग में प्रदर्शन शुरू हुआ था. उसके बाद से ये सिलसिला लगातार चलता ही जा रहा है. इस बीच दिल्ली में हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है. बारिश हुई. कोहरा छाया, लेकिन मौसम इन महिलाओं के इरादे को डिगा नहीं सका.
पिछले 38 दिनों में शाहीन बाग प्रदर्शन के उस मॉडल के रूप में निखर कर सामने आया है, जहां शांतिपूर्ण तरीके से महिलाएं CAA के खिलाफ इंकलाब का नारा बुलंद कर रही हैं. इन महिलाओं की इच्छाशक्ति से प्रेरणा लेकर देश में लगभग 24 जगहों पर महिलाओं ने 24 घंटे 7 दिन प्रदर्शन शुरू कर दिया है और CAA को किसी भी हाल में स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं.
9 राज्यों में प्रदर्शन
आजतक को मिली जानकारी के मुताबिक इस वक्त शाहीन बाग की तर्ज पर ही देश के लगभग 9 राज्यों में प्रदर्शन हो रहा है. ये राज्य हैं महाराष्ट्र, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल.
पटना का सब्जी बाग बन गया शाहीन बाग
बिहार के मुंगेर में CAA के खिलाफ 5 दिनों से प्रदर्शन चल रहा है. झारखंड की राजधानी रांची में भी 2 दिनों से CAA के खिलाफ महिलाओं ने आवाज बुलंद कर रखी है. पटना का सब्जी बाग भी इस इलाके का दूसरा शाहीन बाग बन गया है. यहां 12 जनवरी से स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. आए दिन राजनीतिक पार्टियों के नेता यहां हाजिरी लगाते हैं. मंगलवार को यहां CPI नेता पहुंचे और 25 जनवरी को पूरे बिहार में मानव श्रृंखला बनाने का ऐलान किया. इसके अलावा बिहार के, गया, बेगूसराय, सहरसा शहर में भी शाहीन बाग खड़ा हो गया है.
औरंगाबाद में 14 दिनों से डटी हैं महिलाएं
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 14 दिनों से जबकि अमरावती में 9 दिनों से महिलाएं डटी हैं. औरंगाबाद में CAA के खिलाफ कैंडल मार्च निकाला गया. मार्च में छोटे-छोटे बच्चों ने भी आजादी आजादी के नारे बुलंद किये. महिलाओं का कहना है कि जबतक CAA वापस नहीं होता है वे वापस जाने को तैयार नहीं हैं. पुणे में भी CAA को संविधान पर हमला बताया जा रहा है.
प्रयागराज में हवन के साथ प्रदर्शन
लखनऊ में महिलाओं का विरोध 7वें दिन में प्रवेश कर गया है. यहां पर तो पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं पर सख्ती दिखाई. केस दर्ज कर दिया. फिर भी ये महिलाएं पीछे नहीं हटीं. प्रयागराज में भी शाहीन बाग जैसा प्रदर्शन चल रहा है. खास बात ये है कि मंगलवार को प्रदर्शन के दौरान यहां हवन किया गया. मंत्र पढ़े गए. मुस्लिम महिलाएं भी इसमें शामिल हुईं. यूपी के कानपुर, एटा, इटावा, अलीगढ़ में भी CAA के खिलाफ गोलबंदी हो गई है और महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं.
गुजरात के अहमदाबाद के रखियाल इलाके में कई दिनों से CAA का विरोध हो रहा है. महिलाओं का कहना है कि जबतक CAA को मोदी सरकार वापस नहीं लेती है. धरना जारी रहेगा.
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एमपी की राजधानी भोपाल और सतना में भी महिलाएं प्रदर्शन करने लगी हैं. यहां प्रदर्शन ताजा-ताजा शुरू हुआ है और जोश भी उफान पर है. राजगढ़ और धार में भी विरोध की आवाज सुनाई पड़ रही है.
राजस्थान के कोटा, पंजाब के मालेरकोटला, पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता भी प्रदर्शन हो रहा है.
वापस नहीं होगा CAA
प्रदर्शन की ये श्रृंखला कब तक चलेगी? कब तक सड़कों पर महिलाएं मोर्चा संभालेगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है. क्योंकि विरोध के स्वर भले ही बुलंद हो जाएं सरकार साफ कर चुकी है कि CAA वापस नहीं होगा.