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शाहीन बाग की महिलाओं ने अमित मालवीय को भेजा नोटिस, पैसे लेने का लगाया था आरोप

शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को अवमानना का नोटिस भेजा है. बता दें कि इन महिलाओं पर आरोप लगाया गया था कि उन्हें धरने पर बैठने के लिए पैसों का भुगतान किया जा रहा है. अमित मालवीय को भेजे गए कानूनी नोटिस में तत्काल माफी मांगने और एक करोड़ रुपये का भुगतान करने की मांग की गई.

शाहीन बाग में CAA के खिलाफ प्रदर्शन करती महिलाएं (फोटो-PTI) शाहीन बाग में CAA के खिलाफ प्रदर्शन करती महिलाएं (फोटो-PTI)
आनंद पटेल
  • नई दिल्ली,
  • 20 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 8:29 PM IST

  • नोटिस में तत्काल माफी मांगने को कहा है
  • 36 दिन से CAA के खिलाफ प्रदर्शन जारी

शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को अवमानना का नोटिस भेजा है. बता दें कि इन महिलाओं पर आरोप लगाया गया था कि उन्हें धरने पर बैठने के लिए पैसों का भुगतान किया जा रहा है. अमित मालवीय को भेजे गए कानूनी नोटिस में तत्काल माफी मांगने और एक करोड़ रुपये का भुगतान करने की मांग की गई.

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शाहीन बाग में धरने पर बैठी महिलाओं को सोमवार को 36 दिन पूरे हो गए. ये प्रदर्शन केंद्र सरकार की ओर से नए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) लागू करने के फैसले के विरोध में किया जा रहा है.

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मालवीय को ये नोटिस वकील महमूद पारचा के दफ्तर से भेजा गया है. पारचा प्रदर्शनकारियों के कानूनी सलाहकार हैं. नोटिस दो महिलाओं की ओर से भेजा गया है. इन महिलाओं के नाम हैं- नफीसा बानो (जाक़िर नगर) और शहज़ाद फातमा (शाहीन बाग). उन्होंने आरोप लगाया है कि अमित मालवीय केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी से जुड़े हैं. इसलिए प्रदर्शनकारियों की छवि खराब करने में उनका निहित स्वार्थ है.

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बीजेपी नेता को भेजे गए नोटिस में कहा गया है- “प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगाने और फैलाने, उनके मकसद पर शंका खड़ी करके आपने और अन्य तत्वों ने न सिर्फ आम जनता के साथ फर्जीवाड़ा किया बल्कि प्रदर्शनकारियों की छवि खराब करने की भी कोशिश की. उन प्रदर्शनकारियों के साथ ऐसा किया गया जो बड़ी संख्या में लोगों का ध्यान ऐसे मुद्दों की ओर दिला रहे हैं जिनके जरिए संवैधानिक स्वतंत्रता को दबाया जा रहा है.

कानूनी नोटिस में कहा गया है- ‘सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया गया जिसे आपने अनुमोदित किया और जो कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर चला. इस वीडियो में आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारी 500 रुपए से 700 रुपये लेकर प्रदर्शन में शिरकत कर रहे हैं. ऐसे बयान ना सिर्फ झूठे, बल्कि वो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में प्रदर्शनकारियों की छवि खराब करने की कोशिश है.’

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