
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच शाहीन बाग का मुद्दा ठंडा होता नजर नहीं आ रहा है. प्रदर्शनकारी जहां अपनी मांग को लेकर 47 दिनों से धरने पर बैठे हैं, वहीं केंद्र सरकार अपने फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं है. बुधवार को आजतक की टीम शाहीन बाग पहुंची और वहां प्रदर्शन कर रह लोगों से खास बातचीत की.
47 दिनों से धरने पर बैठीं महिलाएं ने कहा कि भारत लोकतांत्रिक देश है. हम सेक्युलर देश में रहते हैं, फिर सरकार हमें क्यों बांट रही है. सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए. एक महिला ने कहा कि सरकार कह रही है कि हम 500 रुपये लेकर धरने पर बैठें हैं, इससे बड़ी महिलाओं के लिए बेज्जती की क्या बात होगी.
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'एक भी महिला पैसा लेकर नहीं बैठी है'
यहां एक भी महिला पैसा लेकर नहीं बैठी है. हम संविधान और अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. ये सिर्फ मुस्लिमों की लड़ाई नहीं है, गरीबों के हक की भी लड़ाई है. वहीं, महिलाओं का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह संसद में ये कानून वापस लेने की घोषणा कर दें तो हम तुरंत प्रदर्शन खत्म कर देंगे.
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महिलाओं ने कहा कि हम सिर्फ संसद की बात पर यकीन करेंगे, गली-कूचों में कही गई बातों पर यकीन नहीं करेंगे. महिलाओं ने कहा कि गृह मंत्री कहते हैं हम ये कानून जरूर लाएंगे तो पीएम मोदी कहते हैं कि NRC पर उनकी सरकार ने कोई चर्चा ही नहीं की है.
'मोदी-शाह में कोऑर्डिनेशन नहीं है'
अगर पीएम कहते हैं कि ये नहीं लागू होगा तो संवैधानिक तरीक से राष्ट्र के नाम संदेश दें कि हम CAA -NRC वापस ले रहे हैं. महिलाओं ने कहा कि अपना डेलिगेशन भेजकर हमें संतुष्ट करें. मोदी-शाह में कोऑर्डिनेशन नहीं है. इसी लिए उनके बयान अलग-अलग है. पहले वे आपस में समझ लें.