
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दूसरे दिन बॉलीवुड एक्टर शाहिद कपूर ने शिरकत की. सेशन Heroes & Anti-Heroes: The craft and the heart of telling all stories को सुशांत मेहता ने मॉडरेट किया. शाहिद कपूर ने इस साल रिलीज हुई फिल्म कबीर सिंह की सक्सेस पर बात की.
शाहिद कपूर ने कहा- ''कबीर सिंह स्पेशल फिल्म थी, ये साल भी स्पेशल है. मुझे लगता है कबीर सिंह मेरे 16 साल के काम का फल है. कभी कभी आपको अपने सही समय का इंतजार करना होता है. सक्सेस आपको समय आने पर ही मिलती है. अवसर मिलने की बात है. सही समय आने की जरूरत है. तब तक आप खुद पर काम करते हैं, खुद को बिजी रखते हैं, ये समय दूसरे के काम को देखकर उसे सीखना का भी होता है. जरूरी है जो खुद कर रहे हो उसे एंजॉय करना. ''
जब शाहिद कपूर से पूछा गया कि क्या कभी ऐसा लगा कि अपने काम का क्रेडिट नहीं मिला? वो रिस्पॉन्स नहीं मिला जिसके वो हकदार थे? एक्टर ने कहा- ''मैं पहले अपनी चॉइस पर सवाल करता था. मुझे हमेशा लगा कि मुझमें टैलेंट है, एटिट्यूड और फोकस है. लेकिन फिल्में अनप्रेडिक्टेबल होती है. कभी स्क्रिप्ट साइन करते वक्त कुछ और फिल्म बनने के बाद रिजल्ट अलग होता है. चॉइस कैसी है ये भी बात है. इंडस्ट्री से बाहर के होते हैं तो काफी चीजें पता नहीं होती. ईशान ने मेरी गलतियों से सीखा है. मैं लॉन्गर जर्नी से खुश हूं.''