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साईं बाबा को भगवान मानने से शंकराचार्य का इनकार, पूजा का किया विरोध

शंकराचार्य स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती ने विवादास्पद बयान देते हुए शिरडी के साईं बाबा को भगवान मानने से इनकार कर दिया है. उन्होंने साईं को हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक मानने से भी मना कर दिया. उन्होंने कहा कि उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है.

Swami Swaroopanand Saraswati Swami Swaroopanand Saraswati
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 जून 2014,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST

शंकराचार्य स्‍वामी स्‍वरूपानंद सरस्‍वती ने विवादास्पद बयान देते हुए शिरडी के साईं बाबा को भगवान मानने से इनकार कर दिया है. उन्होंने साईं को हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक मानने से भी मना कर दिया और कहा कि उनकी पूजा को बढ़ावा देना हिन्दू धर्म को बांटने की साजिश है.

शंकराचार्य ने साईं बाबा के मंदिर बनाए जाने का भी विरोध किया. उन्होंने कहा कि जो शिरडी के साईं बाबा की पूजा को बढ़ावा दे रहे हैं वे चाहते हैं कि हिन्दू धर्म कमजोर हो. उन्होंने आरोप लगाया कि साईं बाबा के नाम पर पैसा कमाया जा रहा है. शंकराचार्य के इस बयान से साईं बाबा में आस्‍था रखने वालों के नाराज होने की आशंका है.

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उन्होंने कहा कि साईं बाबा अगर वाकई हिंदू-मुस्लिम एकता के प्रतीक होते तो मुसलमान भी उनमें आस्था रखते. शंकराचार्य ने केंद्र की मोदी सरकार के हिंदी में काम-काज के फैसले की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि वह इस फैसले का स्वागत करते हैं और यह अच्छा फैसला है.

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