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इस्कॉन मंदिर कमाई का अड्डा, US जाता है सारा पैसा: शंकराचार्य

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मनकामेश्वर मंदिर में रविवार को आयोजित प्रेस वार्ता में दो टूक कहा कि इस्कॉन के मंदिरों से चढ़ावे की राशि अमेरिका भेजी जा रही है.

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती
स्‍वपनल सोनल
  • इलाहाबाद,
  • 08 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:51 PM IST

साईं मंदिर विवाद के बाद अब शंकराचार्य स्वरूपानंद ने इस्कॉन मंदिरों को लेकर विवादास्पद बयान दे दिया है. उन्होंने इस्कॉन मंदिरों को कमाई का अड्डा बताया है. जबकि उनके बयान की मंदिर ने नाराजगी जाहिर की है.

ज्योतिष और द्वारका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने मनकामेश्वर मंदिर में रविवार को आयोजित प्रेस वार्ता में दो टूक कहा कि इस्कॉन के मंदिरों से चढ़ावे की राशि अमेरिका भेजी जा रही है, क्योंकि इस्कॉन भारत में नहीं बल्कि अमेरिका में पंजीकृत संस्था है.

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उन्होंने इस्कॉन अनुयायियों से पूछा कि वृंदावन में 'राधे-राधे' कहा जाता है और मंदिर बनवाए जाते हैं, लेकिन झारखंड व असम में जाकर अनुयायी क्यों नहीं मंदिर बनाते हैं. उन्होंने कहा, 'अनुयायी वहां इसलिए नहीं जाते हैं कि वहां पर ईसाई उनके बंधु बनकर बैठे हुए हैं.' शंकराचार्य ने सरकार से मांग की है कि इन मंदिरों से जो चढ़ावा अमेरिका जाता है, उसकी जांच की जाए.

'मैं कांग्रेसी नहीं हूं'
शंकराचार्य ने कहा, 'मुझे कांग्रेस का समर्थक माना जाता है. मैं कांग्रेसी नहीं बल्कि शंकराचार्य हूं. प्रणब मुखर्जी लंबे समय तक कांग्रेस में रहे, लेकिन अब वे देश के राष्ट्रपति हैं. सबकी अपनी भूमिका है. उन्होंने कहा कि सनातनियों को सभी राजनैतिक दलों से सावधान रहना होगा. आज की परिस्थितियों में कोई भी राजनैतिक दल सनातन हिन्दुओं का प्रतिनिधित्व नहीं कर रही है.'

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स्वरूपानंद ने कहा कि आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं, लेकिन अरुणाचल प्रदेश में आरएसएस के कार्यकर्ता गोमांस खाते हैं.

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