
महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में मुख्य रूप से मुकाबला भारतीय जनता पार्टी-शिवसेना गठबंधन और कांग्रेस-एनसीपी गठजोड़ के बीच है. लेकिन कुछ छोटे दल भी चुनावी मैदान में हैं, जिनकी भूमिका काफी अहम मानी जाती है. राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना भी राज्य की राजनीति में अपनी अलग पहचान रखती है और पार्टी मौजूदा विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ रही है. हालांकि, कुछ सीटों पर एमएनएस और एनसीपी के बीच समझौता भी देखने को मिला है.
सोमवार को नामांकन वापसी का आखिरी दिन था. इस दौरान एमएनएस और एनसीपी ने कुछ अहम सीटों पर न सिर्फ अपने उम्मीदवारों के नाम वापस कराए, बल्कि एक-दूसरे के प्रत्याशियों को समर्थन का खुला ऐलान भी किया.
नासिक पूर्व सीट पर MNS प्रत्याशी ने नाम वापस लिया
नासिक पूर्व विधानसभा सीट पर MNS ने अपने उम्मीदवार का नामांकन वापस ले लिया है. पार्टी ने यहां से नासिक के पूर्व मेयर अशोक मुर्तदक को उतारा था, जबकि एनसीपी से इस सीट पर बालासाहेब सनाप चुनाव लड़ रहे हैं. नामांकन वापसी के आखिरी दिन एमएनएस प्रत्याशी अशोक ने अपना पर्चा वापस ले लिया और एनसीपी के प्रत्याशी को समर्थन का ऐलान कर दिया.
बीजेपी के बागी को MNS का समर्थन
बालासाहेब सनाप यहां से सिटिंग विधायक रहे हैं, लेकिन इस बार बीजेपी ने उन्हें टिकट देने से इनकार कर दिया. इससे नाराज होकर सनाप ने पार्टी छोड़ दी और एनसीपी से टिकट ले लिया. अब एमएनएस ने बीजेपी के खिलाफ उनका समर्थन करने का ऐलान किया है. बता दें कि नासिक कभी एमएनएस का गढ़ माना जाता था.
नासिक पूर्व सीट पर एमएनएस ने एनसीपी का साथ दिया है तो थाणे सिटी सीट पर एमएनएस को एनसीपी का साथ मिला है. एनसीपी प्रत्याशी सुहास देसाई ने इस सीट से अपना नामांकन वापस लेते हुए एमएनएस के अविनाश जाधव का समर्थन किया है.
वहीं, पुणे की कोथरड विधानसभा सीट पर भी दोनों पार्टियों की अंडरस्टैंडिंग देखने को मिली है. यह सीट बेहद अहम है और बीजेपी के टिकट पर यहां से मंत्री चंद्रकांत पाटिल चुनाव लड़ रहे हैं. बीजेपी ने सिटिंग विधायक मेधा कुलकर्णी की जगह पाटिल को टिकट दिया है, जिनके सामने एमएनएस ने किशोर शिंदे को उतारा है. शिंदे मजबूत स्थानीय नेता के रूप में जाने जाते हैं. एनसीपी ने यहां अपना प्रत्याशी उतारा ही नहीं है, जबकि कांग्रेस ने भी MNS के समर्थन का ऐलान किया है.
बता दें कि चुनाव से पहले राज ठाकरे ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात थी, जिसके बाद दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की सुगबुगाहट को लेकर चर्चा हुई थी. हालांकि, आधिकारिक तौर पर कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में एमएनएस को जगह नहीं मिली है, लेकिन कई सीटों पर एमएनएस इस गठबंधन को समर्थन दे रही है.
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