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शरद पवार क्यों नहीं लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, भतीजे ने बताई वजह

पिछले 6 दशक तक मुख्यधारा की राजनीति में सक्रिय रहने वाले शरद पवार को लगता है कि अब युवाओं को मौका दिया जाना चाहिए. इसलिए उन्होंने 2019 का चुनाव न लड़ने का फैसला किया है. हालांकि वे राज्यसभा के सदस्य बने रहेंगे.

एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (फोटो-आज तक आर्काइव) एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार (फोटो-आज तक आर्काइव)
रविकांत सिंह
  • मुंबई,
  • 07 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 9:36 AM IST

नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार 2019 का आम चुनाव नहीं लड़ेंगे. वे अब पार्टी के युवा नेताओं को मौका देना चाहते हैं.

एनसीपी नेताओं की पुणे में चली दो दिन की बैठक में पवार ने चुनाव न लड़ने का ऐलान किया. पार्टी के वरिष्ठ नेता जितेंद्र अह्वाड ने बैठक के बारे में पत्रकारों को बताया कि पार्टी नेताओं ने पवार से आगे भी चुनाव लड़ने का आग्रह किया लेकिन उन्होंने नकार दिया. पवार से पुणे से लोकसभा चुनाव लड़ने की मांग की गई थी.

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चुनाव न लड़ने का फैसले के बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेता और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, पवार साहब हमारे सुप्रीम लीडर हैं. वे 78 साल के हो चुके हैं और उन्हें लगता है कि आगे अब चुनाव नहीं लड़ना चाहिए. पुणे में कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं ने उनसे चुनाव लड़ने का आग्रह किया जिसे उन्होंने ठुकरा दिया और स्पष्ट कर दिया कि किसी और उम्मीदवार को आगे लाना चाहिए.

शरद पवार फिलहाल राज्यसभा के सदस्य हैं और आगे भी रहने की संभावना है. एनसीपी की बैठक इसलिए आयोजित की गई थी ताकि आम चुनाव में संसदीय सीट पर उम्मीदवारों का फैसला किया जा सके. पवार भी बैठक में मौजूद थे और उन्होंने उन सभी 21 सीटों की समीक्षा की जिसपर 2014 में पार्टी ने चुनाव लड़ा था. साल 2014 के संसदीय चुनाव में महाराष्ट्र की 48 सीटों पर कांग्रेस ने 27 और एनसीपी ने 21 सीटों पर चुनाव लड़ा था. एनसीपी को 4 सीटों पर और कांग्रेस को दो सीटों पर जीत हासिल हुई थी.

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महाराष्ट्र विधानसभा की जहां तक बात है, तो पिछले चुनाव में कुल 288 सीटों में एनसीपी को 41 और कांग्रेस को 42 सीटें मिली थीं. हालांकि अगले चुनाव के लिए एनसीपी कांग्रेस से 50-50 की सीट शेयरिंग पर बात कर रही है.

शरद पवार पिछले 6 दशक से मुख्यधारा की राजनीति में सक्रिय हैं. वे 4 बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. पीवी नरसिंहराव की सरकार में रक्षा मंत्री और मनमोहन सिंह की सरकार में कृषि मंत्री रह चुके हैं. सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर शरद पवार ने कांग्रेस छोड़कर एनसीपी बनाई थी.

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