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राष्ट्रपति पद की दौड़ में नहीं शरद पवार, बोले- अभी नहीं छोड़नी राजनीति

हालंकि उन्होंने मीटिंग मे सत्तापक्ष से विचार विमर्श करके आम सहमति से कोई उम्मीदवार तय किये जाने प्रस्ताव रखा था, जिसे सभी ने मान लिया. उन्होंने आगे कहा कि अगर सत्ता पक्ष और विपक्ष में राष्ट्रपति पद को लेकर सहमति नहीं बनती है , तो एक कमिटी बनाई जाए, जो उम्मीदवार पर फैसला करे.

एनसीपी प्रमुख शरद पवार एनसीपी प्रमुख शरद पवार
लव रघुवंशी
  • नई दिल्ली,
  • 30 मई 2017,
  • अपडेटेड 10:53 PM IST

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से खुद को अलग कर लिया है. मगंलवार को मीडिया से बात करते हुए पवार ने कहा कि मैं राजनीति से जल्दी रिटायर नहीं होना चाहता और न ही मैं इस दौड़ में शामिल हूं.

पवार ने कहा कि अगर आप राष्ट्रपति बनते है, तो आपको अच्छी हवेली मिलती है. लेकिन आप लोगों (मीडिया) से मिलने का मौका नहीं मिलता है. उन्होंने आगे कहा कि विपक्ष की हुई साझा बैठक में अभी तक राष्ट्रपति पद के लिए कोई उम्मीदवार पर आम सहमति नहीं बनी है.

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हालंकि उन्होंने मीटिंग मे सत्तापक्ष से विचार विमर्श करके आम सहमति से कोई उम्मीदवार तय किये जाने प्रस्ताव रखा था, जिसे सभी ने मान लिया. उन्होंने आगे कहा कि अगर सत्ता पक्ष और विपक्ष में राष्ट्रपति पद को लेकर सहमति नहीं बनती है, तो एक कमिटी बनाई जाए, जो उम्मीदवार पर फैसला करे.

बीजेपी को छोटे दलों से समर्थन का भरोसा
बीजेपी सूत्र के हवाले से खबर है कि एनडीए को इस चुनाव में 54 फीसदी वोट हासिल करने का भरोसा है. बीजेपी को यकीन है कि तेलंगाना में सत्ताधारी तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) और तमिलनाडु में एआईएडीएमके के वोट उसके उम्मीदवार के हक में पड़ेंगे. हालिया चुनावों में जीत के बाद अब बीजेपी नेतृत्व चाहता है कि राष्ट्रपति चुनाव में जीत के साथ देश की सियासत में एक बार फिर अपने वर्चस्व की मुहर लगाए.

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विपक्षी मीटिंग से एनडीए को फायदा?
एक बीजेपी नेता ने 'द टाइम्स ऑफ इंडिया' को बताया, 'डीएमके के कांग्रेस को समर्थन देने और सोनिया गांधी की ओर से बुलाई गई मीटिंग में शामिल होने के बाद एआईएडीएमके का वोट हमें मिलना तय हो गया है.' सोनिया गांधी ने शुक्रवार को राष्ट्रपति चुनाव पर रणनीति को लेकर विपक्षी पार्टियों की बैठक बुलाई थी. बैठक में आम राय बनी कि विपक्ष के उम्मीदवार के ऐलान से पहले एनडीए खेमे के अगले कदम का इंतजार किया जाएगा. हालांकि मीटिंग में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेडी नेता नवीन पटनायक समेत कई अहम नेता शामिल नहीं हुए थे. बीजेपी नेता ने कहा, 'विपक्षी एकता को लेकर कांग्रेस की मुहिम दिलचस्प है. भ्रष्टाचार में फंसे लालू प्रसाद और कणिमोझी जैसे नेताओं को छोड़कर शुक्रवार की मीटिंग से विपक्ष को कुछ भी हासिल नहीं हुआ.'

क्या कहता है अंकगणित?
मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 25 जुलाई को खत्म हो रहा है. राष्ट्रपति चुनाव के इलेक्टोरल कॉलेज में कुल 10,98,882 वोट होते हैं. जीत के लिए कम से कम 5,49,442 वोट जरूरी हैं. एनडीए (23 पार्टियों के सांसद और राज्यों की विधान सभाओं/विधान परिषदों के सदस्य मिलाकर) के पास राष्ट्रपति चुनाव से संबंधित इलेक्टोरल कॉलेज में तकरीबन 48.64 फीसदी वोट हैं. बीजेपी 5 लाख 32 हजार 19 मगर इनमें से करीब 20 हजार कीमत के वोट एनडीए की सहयोगी पार्टियों के हैं. योगी आदित्यनाथ, केशव प्रसाद मौर्य और पर्रिकर के इस्तीफे रुकवाकर बीजेपी ने 2100 वोटों की कमी पूरी कर ली है. देश के 29 राज्यों में से भाजपा 12 पर काबिज है. भाजपा को मिलाकर एनडीए 15 राज्यों पर काबिज है.

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