
जदयू के बागी सांसद शरद यादव की राज्यसभा की सदस्यता रहेगी या नहीं, इसे लेकर 30 अक्टूबर को फैसला हो सकता है. राज्यसभा में सदन के नेता आरसीपी सिंह के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल कुछ दिन पहले राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू से मिलकर शरद यादव की सदस्यता खत्म करने का आवेदन दे चुका है.
जदयू के तरफ से वेंकैया नायडू को सौपे गए आवेदन में शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता समाप्त करने की बात कही गई है और इस बात का उल्लेख किया गया है कि शरद पिछले कुछ दिनों से पार्टी के खिलाफ काम कर रहे हैं और पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं.
जदयू के आवेदन के आलोक में अतिरिक्त सचिव मुकुल पांडे ने शरद यादव को नोटिस जारी किया है कहा है कि 30 अक्टूबर को वह राज्यसभा के चेयरमैन वेंकैया नायडू के समक्ष प्रस्तुत हो ताकि उनके राज्य सभा की सदस्यता समाप्त करने के आवेदन पर फैसला लेने से पहले उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका मिले.
गौरतलब है कि बिहार में महागठबंधन टूटने के बाद से ही शरद यादव ने जेडीयू के खिलाफ बागी तेवर अपना लिया है. शरद का आरोप है कि जिस तरीके से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़कर बीजेपी के साथ सरकार बनाई है, वह अनैतिक है और 2015 में महागठबंधन को मिले जनादेश का अपमान.
शरद यादव ने अपने गुट को असली जदयू बताते हुए पार्टी के निशान के ऊपर दावा भी ठोका था और चुनाव आयोग में आवेदन भी दिया था मगर आयोग ने शरद यादव गुट के इस आवेदन को खारिज कर दिया और नीतीश कुमार के जदयू को असली जदयू मानते हुए उसकी मान्यता बरकरार रखा.