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सरकार की पोल पट्टी खोल रहा इसलिए निशाना बन रहा: शरद यादव

शरद यादव ने कहा, "अरविंद केजरीवाल के राजनीति से किसी को ऐतराज हो सकता है लेकिन उनके और उनके साथियों के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप गले के नीचे से नहीं उतरने वाला है."

शरद यादव शरद यादव
कौशलेन्द्र बिक्रम सिंह/बालकृष्ण
  • नई दिल्ली,
  • 28 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 3:57 PM IST

अपनी सुरक्षा कम किए जाने से कई नेता खासे नाराज हैं. हाल ही में गृह मंत्रालय ने कई नेताओं की सुरक्षा को कम कर दिया है जिनमें लालू प्रसाद यादव, शरद यादव और जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी शामिल हैं. सुरक्षा कम किए जाने के बाद लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने प्रधानमंत्री के खिलाफ जिस तरह की बयानबाजी की उसे लेकर खासा विवाद हुआ और लालू यादव को सफाई भी देने पड़ी.

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लेकिन नाराज होने वाले लालू अकेले नेता नहीं हैं. 'आजतक' से खास बातचीत में वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा कि सरकार उनको इसलिए निशाना बना रही है क्योंकि उन्होंने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. उन्होंने कहा, "मोदी सरकार के कारनामों की पोल पट्टी खोल रहे हैं और विपक्ष को बीजेपी के खिलाफ एकजुट करने में लगे हैं."

शरद यादव ने कहा, "सरकार उनसे नाराज है ये बात साफ है. क्योंकि जिस तरह से उन्हें आनन-फानन में राज्यसभा में जेडीयू के नेता के पद से हटाया गया, तमाम कमेटी के चेयरमैन के पद से हटाया गया, उनकी पार्टी छीन ली गई और उनकी पार्टी का चुनाव निशान भी दूसरे पक्ष को दे दिया गया ये सब इसी बात की ओर इशारा करते हैं."

इसके साथ ही शरद यादव ने ये दावा भी किया कि वो इन बातों से डरने वाले नहीं हैं और अगर जान बचाने और संघर्ष के बीच में से किसी एक को चुनना पड़ा तो वो संघर्ष का ही रास्ता चुनेंगे.

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शरद यादव ने ये भी कहा कि सरकार विरोधियों को चुन-चुन कर निशाना बना रही है. ये बात आम आदमी पार्टी के साथ हो रहे बर्ताव से भी साफ होती है जिसे इनकम टैक्स विभाग का नोटिस थमा दिया गया है. उन्होंने कहा, "अरविंद केजरीवाल के राजनीति से किसी को ऐतराज हो सकता है लेकिन उनके और उनके साथियों के ऊपर भ्रष्टाचार का आरोप गले के नीचे से नहीं उतरने वाला है."

दिल्ली के जामा मस्जिद के इमाम अहमद बुखारी ने सुरक्षा कम किए जाने के बारे में पूछे जाने पर सिर्फ इतना ही कहा कि उन्हें अभी भी धमकियां मिलती रहती हैं, लेकिन सुरक्षा देना और कम करना सरकार का फैसला है जिस पर उन्हें कुछ नहीं कहना है.

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