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बजट के बाद इन इन वजहों से शेयर बाजार में लौटी बहार

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को सदन में अपना बजट रखा तो शेयर बाजार में निवेशकों को यह लगने लगा कि सरकार के बजट में गरीब और मध्यम वर्ग को लुभाने के लिए घोषणाएं होने जा रही हैं.

ब्रजेश मिश्र
  • नई दिल्ली,
  • 01 मार्च 2016,
  • अपडेटेड 9:30 AM IST

शेयर बाजार मंगलवार को सुबह से ही जोरदार तेजी पर है. सुबह 151.32 अंकों की तेजी के साथ 23,153 पर खुला सेंसेक्स दोपहर होते-होते 700 का आंकड़ा पार कर गया तो वहीं, निफ्टी में भी 200 अंकों का उछाल देखने को मिला. लगातार गिरावट की मार झेल रहे सेंसेक्स में अचानक आई तेजी की वजह आम बजट में वित्त मंत्री की ओर से की गई एक घोषणा है.

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वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को सदन में अपना बजट रखा तो शेयर बाजार में निवेशकों को यह लगने लगा कि सरकार के बजट में गरीब और मध्यम वर्ग को लुभाने के लिए घोषणाएं होने जा रही हैं. वहीं, बाजार को यह भी लगने लगा कि सरकार ने आर्थिक रिफॉर्म के एजेंडे को 5 राज्यों में आगामी चुनाव के चलते टाल दिया है.

आखिरकार लौटी शेयर बाजार की मुस्कान
सरकार की ओर से टैक्स के मामले में कोई राहत न मिलने के अंदेशे की वजह से देखते ही देखते शेयर बाजार का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 600 अंकों का गोता लगा लिया. हालांकि, अरुण जेटली ने अपनी बजट स्पीच को खत्म करते-करते साफ कर दिया कि सरकार रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स पर आगे नहीं बढ़ेगी और इस घोषणा से निवेशकों की मुस्कान वापस आ गई.

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जेटली के इस ऐलान के बाद बाजार ने इसे सेंटिमेंट में सुधार मानते हुए अंतिम घंटों में जमकर खरीदारी की जिसके चलते 300 अंकों की उछाल के साथ बाजार बंद हुआ. यह सेंटीमेंट मंगलवार को भी दिखा और सेंसेक्स 700 अंकों से ज्यादा की मजबूत उछाल पर कारोबार करते देखा गया.

क्या है रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स
देश में आकर कारोबार करने वाली कंपनियों की आमदनी पर बैक डेट से टैक्स वसूलने का नियम लागू है. जिसकी वजह से बाजार में काफी उथल-पुथल थी. मई 2014 में शासन संभालने के साथ ही मोदी सरकार ने ऐसे टैक्स सिस्टम का वादा किया था, जिससे निवेशकों को सहूलियत होगी, लेकिन उसने इनकम टैक्स लॉ के रेट्रोस्पेक्टिव अमेंडमेंट को खत्म नहीं किया है, जिसे 2012 में पिछली यूपीए सरकार लाई थी.

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